इलाहाबाद। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पाटी को प्रदेश में पूर्ण बहुमत और इलाहाबाद में नौ सीट मिलने को लेकर पदाधिकारी और कार्यकर्ता खूब उत्साहित थे। दो दिन पहले भाजपा के कार्यकर्ताओं ने केसरिया होली खेली और रविवार को मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद दिवाली मना समर्थको ने जश्न मनाया।जिले को दसको बाद शीर्ष नेतृत्व मिलने के बाद पूरे उत्साह के साथ ढोल और नगाड़ों के साथ के साथ जुलूस निकला। भारतीय जनता पार्टी को पहली बार प्रदेश में 300 के पार का प्रचंड बहुमत मिला और उसके नायक भले ही मोदी रहे हो लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर केशव प्रसाद मौर्या ने कुशल नेतृत्व क्षमता दिखायी । जिले के सांसद के तौर पर उनके अगुवायी में मिली जीत पर भाजपायी इतरा रहे है। भाजपा के महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्ता ने इस विजय को असत्य पर सत्य की विजय बताया। कहा की पांच वर्ष के कुशासन शासन था, जिसमें महिलाएं, व्यापारी और युवा सभी असुरक्षित रहे और जिसका परिणाम भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से विजय के रूप में मिला। और अब प्रदेश में लूट अपराध पर नियंत्रण होगा महिलाए बच्चे सुरक्षित होंगे । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रामराज्य आने के संकेत भारी बहुमत और विजय से मिले थे। और अब सिघासन सही नेता के पास है। वहीं लोकतंत्र सेनानी तथा भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य नरेन्द्र देव पाण्डेय एवं राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रमाशंकर शुक्ल ने संयुक्त रूप से भारतीय जनता पार्टी की न भूतो न भविष्यिति जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि सपा कांग्रेस और बसपा की इस चुनाव में हवा ही निकाल दी और अब वे 2019 के लोकसभा चुनाव लडऩे के लायक ही नहीं रह गए। भाजपा नेताओं ने मायावती के इवीएम वाले आरोपों को पागलपन की संज्ञा देते हुए कहा कि मायावती के टिकट बेचने की शक्ति समाप्त हो गयी है। अब उनके पास टिकट खरीदने वाले नहीं जायेंगे। जनता ने भाजपा के पक्ष में परिणाम दिया हर तरफ भगवा केसरिया की धूम मच गयी। केशव प्रसाद मौर्या विश्व हिन्दू परिषद् से बीजेपी से जुड़े। विधानसभा चुनाव में 2007 में औपचारिक तौर मैदान में आये । उन्होंने इलाहाबाद पश्चिम सीट से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नही सके। 2012 में कौशाम्बी की सिराथू सीट से चुनाव लड़े और समाजवादी लहर में भी जीत गए। इस दौरान उन्होंने कई आंदोलन खड़े किये और सड़कों पर खूब संघर्ष किया। 2014 के लोकसभा में फूलपुर से टिकट पाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ी। कई दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर पार्टी ने उन पर जो भरोसा जताया उस पर वह न केवल पूरी तरह खरे उतरे, बल्कि पांच लाख से ज्यादा वोट पाए और तीन लाख से ज्यादा की जीत हासिल कर नया इतिहास भी रच डाला। केशव ने फूलपुर सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत दिला दी।