भारत व्रत और त्योहारों का देश है। प्राचीन काल से ही यहां उपवास रखने का चलन है। देश के तमाम त्योहारों मसलन, नवरात्र, करवा चौथ, रमजान आदि मौकों पर उपवास रख कर लोग ईश्वर के कृति अपनी श्रद्धा दिखाते हैं। इन उपवासों से हमारे शरीर की तमाम परेशानियां भी दूर होती हैं। व्रत में भोजन पर नियंत्रण कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। इससे आपकी आयु भी बढ़ती है तथा बीमारियों के होने का खतरा कम होता है।
आजकल नवरात्र चल रहे हैं। कई श्रद्धालु उपवास और फलाहार करके मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इन लोगों को सांसारिक कर्म भी करने पड़ते हैं, इसलिए बिना कुछ खाए-पिये काम करना मुश्किल हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ नींबू पानी पीकर उपवास करते हैं लेकिन सभी उपवास करने वालों से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती। बिना कुछ खाए उनके कार्य प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए उपवास में फलाहार के साथ सिंघाड़े, कुट्टू आदि के आंटे से बनी पूड़ी या पकौड़ी भी खा सकते हैं। उपवास का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही इससे पाचन क्रिया दुरूस्त हो जाती है। शरीर स्वस्थ रहने से मन भी स्वस्थ रहता है। कुछ लोग उपवास का मजाक उड़ाते हैं लेकिन डाक्टरों ने भी यह स्वीकार किया है कि उपवास रखने से शरीर की तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसलिए सप्ताह में एक दिन उपवास रखने की सलाह डाक्टर भी देते हैं।
भारत व्रत और त्योहारों का देश है। प्राचीन काल से ही यहां उपवास रखने का चलन है। देश के तमाम त्योहारों मसलन, नवरात्र, करवा चौथ, रमजान आदि मौंको पर उपवास रख कर लोग ईश्वर के कृति अपनी श्रद्धा दिखाते हैं। इन उपवासों से हमारे शरीर की तमाम परेशानियां भी दूर होती हैं। व्रत में भोजन पर नियंत्रण कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। इससे आपकी आयु भी बढ़ती है तथा बीमारियों के होने का खतरा कम होता है।
उपवास रखने से शरीर का ईृतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। इस वजह से शरीर में बीमारियों से लडऩे की क्षमता बढती है। इसके अलावा न्यूरॉल्जिया, कोलाइटिस, थकान, कब्ज और सिरदर्द होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
व्रत का हमारे पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महीने में कम से कम तीन बार उपवास रखने से हमारी पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। व्रत के दौरान हमारे पेट और लीवर को काफी आराम मिलता है। आपके दिमाग की क्षमता को बढ़ाने में भी उपवास काफी कारगर है। अगर आपका खान-पान अच्छा है और आप हफ्ते में एक बार उपवास रखते हैं तो इससे आपकी सोचने की क्षमता और याददाश्त में तेजी आएगी। इसके अलावा इससे हमारे दिमाग में ब्रेन डेराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर नाम का प्रोटीन काफी मात्रा में बढ़ता है। यह प्रोटीन हमारे दिमाग की कार्यशैली को नियंत्रित करता है। इससे दिमाग शांत और स्वस्थ रहता है।
इसके अलावा वजन कम करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपवास अच्छा विकल्प होता है। उपवास से शरीर में फैट को कम करने में मदद मिलती है। जो लोग ज्यादा खाना खाने के आदती होते हैं उन्हें उपवास जरूर रखना चाहिए। उपवास से भूख भी नियंत्रित रहती है, जिससे वजन बढऩे की संभावनाओं पर विराम लग जाता है। उपवास मानसिक शांति का सबसे बेहतर विकल्प होता है। इससे तनाव, चिंता और अवसाद से बचा जा सकता है। व्रत रखने से मन शांत रहता है और हमारी इच्छाशक्ति भी मजबूत होती है।
किसी भी तरह का अनाज तथा नमक आदि का सेवन करना व्रत में वर्जित होता है। फलाहार और कुछ विशेष भोजन ही उपवास के दौरान लिए जाते हैं। व्रत के कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे होते हैं। डॉक्टर्स का भी कहना है कि अच्छी सेहत के लिए हफ्ते में एक दिन हर किसी को व्रत जरूर रखना चाहिए। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो व्रत में भी अपनी डाइट में कोई कमी नहीं करना चाहते। लोग दिन की शुरुआत में अत्यधिक मात्रा में फलाहार करने की गलती करते हैं, जबकि व्रत में कम से कम खाना चाहिए।
व्रत के दौरान आपके मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर कितनी मात्रा और किन चीजों का सेवन किया जाए कि स्वास्थ्य बेहतर बना रहे। आज हम आपके उन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे। शारदीय नवरात्र चल रहे है। बहुत से लोग नवरात्र में नौ दिन तक व्रत रखते हैं। ऐसे लोगों के लिए व्रत के ये टिप्स काफी फायदेमंद हो सकते हैं। व्रत में आप अपने दिन की शुरूआत नारियल पानी, दूध या फिर सादे पानी से कर सकते हैं। इसके साथ दही या फिर फलों का नाश्ता लिया जा सकता है। इसके दो-तीन घंटे बाद आप हल्का फुल्का नाश्ता ले सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि नाश्ता पैकेज्ड फूड न हों। नाश्ते में आप प्राकृतिक फलों, मखाना, दही या फिर दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि एक बार में थोड़ा भोजन लेना ही सही होता है। ज्यादा काम्प्लेक्स फूड्स का सेवन न करें। अगर आप अपनी बॉडी को डिटॉक्सीफाई करना चाहते हैं तो फूड्स का सेवन प्राकृतिक रूप में ही करें। व्रत में अक्सर लोग ज्यादा मात्रा में चाय और कॉफी का सेवन करते हैं। उन्हें यह नहीं पता होता कि ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन शरीर में तनाव का कारण हो सकता है। इसलिए जितना हो सके आपको व्रत में चाय-काफी के सेवन से बचना चाहिए। व्रत में ज्यादा खाना महत्वपूर्ण नहीं है। इसके बजाय आप कुछ स्वास्थ्यकर और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन कर सकते हैं। इस भोजन में दही, कद्दू या फिर शकरकंद लिया जा सकता है। व्रत में शक्कर का कम से कम सेवन करें। अगर आपको मीठा पसंद है तो आप किशमिश-बादाम आदि का सेवन कर सकते हैं।
इस प्रकार फलों और मेवों के साथ सिंघाड़े और कुट्टू के आंटे से पूड़ी-पकौड़ी भी बनाकर खा सकते हैं। आलू को उबालकर घी-जीरा में बघार कर नाश्ते के तौर पर खाएं और दूध-दही का भी प्रयोग करें तो आप उपवास रखकर भी सभी नियमित कार्य बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं। (हिफी)