नवाज शरीफ की सम्पत्तियां जब्त
लाहौर। पाकिस्तान में पनामा पेपर लीक मामले में प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किए गए नवाज शरीफ और उनके परिवार की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के मामलों में शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं। शरीफ अपने परिवार के साथ फिलहाल लंदन में हैं। पूर्व र्पधानमंत्री वहां अपनी पत्नी के गले के कैंसर का इलाज करा रहे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि वह अब स्वदेश नहीं लौटेंगे। हालांकि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग(एन) ने इससे इन्कार किया है।
संपत्ति जब्त करने के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के आदेश शरीफ के लाहौर स्थित निवास पर चिपका दिए गए। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान व अन्य व्यावसायिक बैंकों को भी पत्र लिखकर आगाह कर दिया है। इसके साथ इस्लामाबाद और लाहौर के तमाम स्थानीय निकायों को भी इस बारे में बता दिया गया है कि शरीफ, दोनों बेटों-हसन और हुसैन, बेटी मरयम और दामाद सफदर की इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है। उनके मामलों की सुनवाई कर रही इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने शरीफ, बेटी मरयम, दामाद सफदर को अब 26 सितंबर को पेश होने का आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के मामले में ब्यूरो ने वित्त मंत्री इशाक डार की संपत्ति पहले ही जब्त कर रखी है। अदालत से उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी हुए हैं। (हिफी)
किमजोंग को चीन ने दिया झटका
बीजिंग। चीन ने उत्तर कोरिया के सनकी किंग किम जोंग उन को झटका देते हुए घोषणा की है कि वह उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल विकास पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के तहत उनको तेल निर्यात सीमित कर देगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया को परिष्कृत पेट्रोलियम का निर्यात र्पति वर्ष २ मिलियन बैरल तक सीमित होगा और तरलीकृत प्राकृतिक गैस की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध १ जनवरी से प्रभावी हो जाएगा। चीन, उत्तर कोरिया से कपड़ा आयात पर भी प्रतिबंध लगाएगा। गौरतलब है कि चीन ही उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश व आखिरी व्यापारिक भागीदार, ऊर्जा आपूर्तिकता और राजनयिक सहयोगी भी है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के जरिए उत्तर कोरिया के आय के स्रोत बंद करने की कोशिश की गई है। (हिफी)
पुलिस की मदद से भागी थीं शिनवात्रा!
बैंकॉक। थाईलैंड में जुंटा के उप नेता ने तीन पुलिस अधिकारियों पर पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा को गत महीने देश छोड़कर भागने में मदद करने का आरोप लगाया है। यिंगलक को 25 अगस्त से देखा नहीं गया है, वह आपराधिक लापरवाही के मुकदमे में अदालत में पेश भी नहीं हुई थी। वर्ष 2014में सेना ने यिंगलक की सरकार गिरा दी थी। जुंटा की ओर से कहा गया कि उन्हें यह पता नहीं था कि यिंगलक भागने की योजना बना रही है। इस बात पर इसलिए भी विश्वास करना मुश्किल है क्योंकि वह आए दिन यह शिकायत करती थीं कि उन पर दिन-रात नजर रखी जा रही है। विश्लेषकों का कहना है कि इस बात की संभावना है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने देश से निकलने के लिए जुंटा के साथ कोई गुप्त सौदा किया हो लेकिन सेना ने इस आरोप को खारिज किया है और अब वह पुलिस पर सवाल उठा रही है।
अधिकारियों ने एक कार को बरामद किया है और माना जा रहा है कि यिंगलक को इस कार से कम्बोडिया के साथ लगती सीमा पर लाया गया जहां से वह किसी तीसरे देश भाग गई। (हिफी)
ट्रंप के गले की फांस बने रूसी हैकर्स
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए रूस के हैकर्स गले की फांस बन गये हैं। यह सवाल आज भी वहां उठाया जा रहा है कि रूस के हैकर्स ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी। अमेरिका के 21 राज्यों की ओर से कहा गया है कि अमेरिका में २०१६ में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने डोनाल्ड ट्रंप को जीत दिलवाने की कोशिश की थी। दावा किया जा रहा है कि रूसी सरकार के हैकर्स ने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में
वोटों को बदलने की कोशिश की थी, जिसमें वे सफल नहीं हो पाए। दूसरी तरफ रूस अमेरिकी चुनाव में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की बात से इनकार कर चुका है और डोनाल्ड ट्रंप भी रूस के साथ इस तरह की किसी डील की बात को नकार चुके हैं।
जिन राज्यों ने हैकिंग का दावा किया उसमें फ्लोरिडा, पेनसिल्वेनिया, वर्जीनिया, विस्कनसिनस, ओहियो, अलबामा, कनेक्टिकट, मिनेसोटा, टेक्सास और वाशिंगटन जैसे महत्वपूर्ण राज्य शामिल हैं लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कथित रूसी हैकर्स वोटों को अपने मन मुताबिक बदल भी पाए। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के दौरान कथित रूप से हैकिंग को लेकर एक रूसी कंप्यूटर विशेषज्ञ को स्पेन में गिरफ्तार भी किया गया था। (हिफी)