उम्र बढऩे के साथ चेहरे की त्वचा अपना आकर्षण खोना शुरू कर देती है और त्वचा से जुड़ी परेशानियां हमला बोलने लगती हैं। लेकिन वास्तव में इस समस्या का संबंध सिर्फ उम्र से नहीं है।
1. मुहांसों का पत्ता साफ
वैसे तो मुहांसे किसी भी उम्र में परेशान कर सकते हैं, लेकिन किशोरावस्था में यह समस्या बहुत अधिक होती है। इस उम्र में हार्मोन के स्तर में बदलावों के कारण तेल ग्रंथियां अधिक मात्रा में तेल का स्रव करती हैं, जिसकी वजह से चेहरे के रोम छिद्र ब्लॉक हो जाते हैं। मेनोपॉज शुरू होने से पहले या उसके बाद हार्मोन परिवर्तन के कारण भी मुहांसे निकल आते हैं, जिन्हें एडल्ट एक्ने कहते हैं। मुहांसों से बचने के लिए त्वचा की सफाई का विशेष ध्यान रखें और अच्छी कंपनी के ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें। ब्यूटी प्रोडक्ट्स किसी के साथ शेयर न करें। अक्सर देखा जाता है कि जिन लोगों को मुहांसों की समस्या होती है, उनके शरीर में इंसुलिन का स्त्राव औसत से अधिक होता है। इससे बचने के लिए कार्बोहाइड्रेट और डेयरी उत्पादों का सेवन कम करें।
क्या करें, क्या न करें
दिन में कम से कम तीन बार चेहरे को सादे पानी से धोएं। साबुन या फेसवॉश का उपयोग अधिक ना करें, क्योंकि इससे आपकी त्वचा रूखी हो सकती है।
खूब पानी पिएं। इससे त्वचा के रोमछिद्र खुलेंगे और गंदगी साफ होगी।
मुहांसे जितने अधिक समय तक रहेंगे, दाग उतना ही गहरा होगा, इसलिए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
चेहरे को जोर-जोर से न रगड़ें। मुहांसों को दबाएं या फोड़े नहीं। ज्यादा तैलीय और मसालेदार भोजन न खाएं। चेहरे पर ऑयल फ्री प्रोडक्ट्स लगाएं।
तनाव से दूर रहें, क्योंकि इससे शरीर के भीतर हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जो मुहांसों का कारण बन जाता है। ब्लीच, फेशियल और स्टीम न लें। मेकअप का प्रयोग भी न करें। इससे मुहांसे जल्दी ठीक हो जाएंगे।
2.पिग्मेंटेशन नहीं करेगा परेशान
पिग्मेंटेशन (त्वचा पर गहरे या काले रंग के धब्बे) त्वचा की एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। स्किन पिग्मेंटेशन का सबसे प्रमुख कारण सूरज की हानिकारक अल्ट्रा वॉयलेट किरणें हैं। यह पिग्मेंटेशन त्वचा की रंगत का एक समान ना रहना, ऊपरी होठों का रंग गहरा हो जाना, चेहरे, हाथों, पैरों, छाती या शरीर के अन्य अंगों पर काले या गहरे भूरे रंग के धब्बों के रूप में नजर आता है।
दरअसल हमारी त्वचा का रंग मेलेनिन नामक पदार्थ द्वारा निर्धारित होता है। सूरज की रोशनी विशेषकर अल्ट्रा वॉयलेट किरणों के कारण त्वचा में मेलेनिन का संतुलन बिगड़ जाता है। इसके अलावा गर्भावस्था या मेनोपॉज के समय हार्मोन असंतुलन, गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन और तनाव के कारण भी अक्सर पिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है। हार्मोन परिवर्तन और तनाव के कारण चेहरे पर जो गहरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं, उनका इलाज बहुत मुश्किल है। पिग्मेंटेशन के साथ मुख्य परेशानी यह है कि अगर यह एक बार हो जाए तो इससे छुटकारा पाना बेहद मुश्किल होता है।
क्या करें, क्या न करें
पिग्मेंटेशन से बचने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। इनमें फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है।
गर्भ निरोधक गोलियों के स्थान पर परिवार नियोजन के अन्य तरीके अपनाएं, ताकि इन गोलियों के साइड इफेक्ट से आपकी त्वचा बची रह सके।
धूप में सनस्क्रीन लगा कर और शरीर को अच्छी तरह से ढंक कर घर से बाहर निकलें।
3. डार्क सर्कल अब गायब
डार्क सर्कल न सिर्फ आपकी सुंदरता को कम करते हैं, बल्कि आपकी खराब सेहत और अनियमित दिनचर्या की चुगली भी करते हैं। इनके कारण सुंदर चेहरा भी थका और मुरझाया हुआ-सा लगता है। वैसे आंखों के आसपास होने वाले ये काले घेरे ऐसी समस्या नहीं है, जिसका उपचार न हो। इन्हें कम करने के साथ इनका पूरी तरह से उपचार भी संभव है। कई चिकित्सकीय अवस्थाएं जैसे एलर्जी, अस्थमा, किडनी और लिवर संबंधी गड़बडियां भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डार्क सर्कल का कारण बन जाती हैं। इसके अलावा शरीर में पोषक तत्वों की कमी विशेषकर विटामिन के और पानी की कमी के कारण भी डार्क सर्कल होते हैं। तनाव, थकान, अनिद्रा और बढ़ती उम्र भी डार्क सर्कल के लिए जिम्मेदार हैं।
क्या करें, क्या न करें
संतुलित भोजन खाएं, जिसमें विटामिन के और आयरन अधिक मात्रा में हों। रात में समय पर सोएं और सुबह जल्दी उठें। सूर्य की किरणों से अपनी आंखों को बचाएं। सनग्लास लगाएं। भरपूर पानी पिएं।
5. झुर्रियां नहीं करेंगी परेशान
झुर्रियों के लिए बाह्य और आंतरिक दोनों कारक जिम्मेदार हैं। उम्र बढऩे के कारण शरीर नमी को रोक नहीं पाता। इससे नई कोशिकाओं का उत्पादन कम हो जाता है। त्वचा का लचीलापन खत्म हो जाता है और वह कठोर हो जाती है। खराब जीवनशैली और प्रदूषण भी झुर्रियों के लिए जिम्मेदार हैं। जो महिलाएं व्यायाम नहीं करतीं, उनकी त्वचा पर इन बातों का प्रभाव जल्द नजर आने लगता है।
क्या करें, क्या न करें
सनग्लास पहनें। यह आंखों के आसपास पडऩे वाली झुर्रियों से आपको बचाएगा।
अधिक मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करें। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और ये फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं। इससे त्वचा अधिक चमकदार और युवा नजर आती है। मॉइस्चराइजर का उपयोग करें, इससे त्वचा में नमी बनी रहती है और जल्दी झुर्रियां नहीं पड़तीं।
चेहरे को बार-बार धोने की बजाय उसे क्लींजर से साफ करें।
पर्याप्त नींद लें। आप जितनी अधिक नींद लेंगी, उतनी अधिक मात्रा में आप एचजीएच (हृयुमन ग्रोथ हार्मोन) उत्पन्न करेंगी, जो आपकी त्वचा को मोटा और लचीला बनाने में मदद करेगा। त्वचा लचीली होगी तो उस पर झुर्रियां भी कम आएंगी।
पीठ के बल सोएं। इससे झुर्रियां कम पड़ती हैं।
ऐसा भोजन खाएं, जो मिनरल, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर हो। इससे आपकी त्वचा रूखी नहीं होगी।
4. स्किन एलर्जी का अंत
प्रसाधन सामग्री में ढेर सारे रसायन होते हैं, जिनमें से कई द्वारा त्वचा में एलर्जिक रिएक्शन होते हैं। एक सर्वे के अनुसार 25 प्रतिशत महिलाओं को कम से कम एक सौंदर्य प्रसाधन से एलर्जिक रिएक्शन होता है और खास बात यह है कि अक्सर इस तरह से होने वाली एलर्जी से वो पूरी तरह से अनजान होती हैं। इनके उपयोग से त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं, त्वचा जल सकती है, लाल हो सकती है, उस पर फफोले पड़ सकते हैं और उनसे चिपचिपा द्रव्य बाहर निकल सकता है। दूसरे प्रकार की प्रतिक्रियाओं में इम्यून सिस्टम शामिल होता है, जिससे त्वचा लाल हो जाती है, उस पर सूजन आ जाती है और खुजली शुरू हो जाती है। खुशबूदार ब्यूटी प्रोडक्ट्स से एलर्जी की आशंका सबसे ज्यादा होती है, इसलिए हमेशा ऐसे ब्यूटी प्रोडक्ट्स चुनें, जिनसे खुशबू कम से कम आती हो। सौंदर्य प्रसाधन जैसे साबुन, आई मेकअप, मॉइस्चराइजर, शैंपू, लिपस्टिक और नेल पॉलिश से भी एलर्जी हो सकती है। उनके चुनाव के दौरान भी खास सतर्कता बरतें। हेयर कलर से ज्यादा एलर्जी हेयर डाई के इस्तेमाल से होती है।
आपकी त्वचा को चाहिए खास देखभाल
पुरुषों की त्वचा महिलाओं से 25 प्रतिशत अधिक मोटी होती है। पुरुषों में पाया जाने वाला एंड्रोजन हारमोन न केवल त्वचा की मोटाई बढ़ाता है, बल्कि उसके टेक्सचर को भी सख्त करता है।