चौहान ने मोदी से लिया आशीर्वाद
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आशीर्वाद लेने दिल्ली पहुंचे। श्री चौहान राज्य में किसानों के लिए विशेष योजनाएं चला रहे हैं। श्री मोदी से आशीर्वाद लेने के बाद करीब आधा घंटा की बातचीत में श्री चौहान ने किसानों के लिए चलायी जा रही भावान्तर भुगतान योजना और एकात्म यात्रा के बारे में बताया। मध्य प्रदेश में किसानों को अपनी उपज का पर्याप्त मूल्य न मिल पाने से असंतोष है। इसलिए सरकार उन्हें इतना मूल्य देकर उपज खरीद रही है जिससे किसानों की लागत भी निकल आए और कुछ लाभ भी मिले। इसके साथ ही चौहान की सरकार एकात्म यात्रा निकाल रही है। यह यात्रा 19 दिसम्बर से शुरू हुई है और 22 जनवरी को समाप्त होगी। एकात्म यात्रा समस्त प्राणियों की मूलभूत एकता के उत्सव पर आधारित है। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है कि एकात्म यात्रा के समापन अवसर पर आकर आशीर्वाद प्रदान करें।
इस बीच श्री चौहान राज्य की जनता को वाटर सफारी का तोहफा भी देना चाहते हैं। इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। राज्य का पर्यटन विभाग करीब साल भर बाद फिर से बरगी से मंडला तक वाटर सफारी शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसमें पर्यटक क्रूज में 6 घंटे में 100 किमी. का सफर तय कर सकेंगे। सफर को रोमांचक बनाने के लिए 6 घंटे के सफर में चार स्टापेज बनाए गये हैं। यहां पर टूरिस्ट के लिए घूमने-फिरने का सारा इंतजाम होगा। इसके लिए चैहान की सरकार साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च करेगी। पर्यटकों को सबसे पहले क्रूज से पायली की यात्रा करायी जाएगी। पर्यटन विभाग पायली और चिरई डोंगरी मंे पर्यटकों के लिए बोट से उतरने और चढ़ने के लिए प्लेटफार्म की व्यवस्था भी कर रहा है। क्रूज में एक बार में 30 लोग यात्रा कर सकेंगे और प्रति व्यक्ति किराया 3800 रुपये होगा। इस प्रकार राज्य के पर्यटन विभाग को इससे खासी कमायी भी हो सकेगी। श्री चौहान मध्य प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाना चाहते हैं। (हिफी)
माले गांव ब्लास्ट पर शर्मनाक राजनीति
महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए ब्लास्ट में आधा दर्जन लोगों की मौत हो गयी थी और सौ से ऊपर लोग घायल हो गये थे। निश्चित रूप से यह हादसा दुखद था। लेकिन उससे भी शर्मनाक यह बात रही कि इस हादसे को लेकर शर्मनाक राजनीति की गयी। अभी हाल में इस ब्लास्ट के लिए आरोपित कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा समेत चार आरोपियों से महाराष्ट्र को सबसे बड़ा आपराधिक कानून मकोका हटाया गया, तब पता चला कि आरोपितों को इस बात के लिए प्रताड़ित किया गया और उन पर दबाव डाला गया कि योगी आदित्यनाथ को इस ब्लास्ट में शामिल होने का वे बयान दे दें।
29 सितम्बर 2008 को मालेगांव के अंजुमन चौक में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के सामने एलएमएल फ्रीडम मोटर साइकिल में रखे विस्फोट में धमाका किया गया था। इस मामले में श्याम साहू शिवनारायण काल संगरा, प्रवीण तकलकी के साथ साध्वी प्रज्ञा भारती लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित आदि को आरोपित किया गया था। इन सभी पर मकोका लगाया गया। गत दिनों कोर्ट ने कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा भारती समेत चार लोगों को मकोका से बरी कर दिया। हालांकि अभी इन पर मुकदमा चलेगा लेकिन ये सभी जमानत पर रिहा हैं। इसी मामले के एक आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने बताया कि जांच अधिकारियों ने तत्कालीन भाजपा सांसद एवं उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य हिन्दू नेताओं को इस मामले में फंसाने की कोशिश की थी। श्री चतुर्वेदी ने यह आरोप भी लगाया था कि भगवा आतंक की बातें साबित करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने हिन्दू कार्यकर्ताओं को इस मामले में फंसाया था। चतुर्वेदी ने कहा था कि पूछतांछ के दौरान मुझसे आरएसएस और इसके प्रमुख मोहन भागवत के बारे में भी सवाल किये गये।बहरहाल, कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को मकोका से बरी कर दिया गया तो इससे इतना तो साफ ही हो रहा है कि तत्कालीन सरकार ने मकोका जैसे कानून पर शर्मनाक राजनीति की थी। (हिफी)
कुर्सी पर बैठते ही ऐक्शन में जयराम
हिमाचल प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद जयराम ठाकुर यह बताना चाहते हैं कि भाजपा की सरकार अन्य सरकारों से किस तरह अलग होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही सक्रियता से काम करना शुरू कर दिया और कैबिनेट की बैठक बुलाकर कई महत्वपूर्ण निर्णय भी कर डाले। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र 9 जनवरी 2018 से धर्मशाला में होना निर्धारित है।
जयराम ठाकुर सरकार की पहली कैबिनेट बैठक 27 दिसम्बर को हुई। इस बैठक में कहा गया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में जिन लोगों को एक बार निलंबित करके दोबारा बहाल किया गया था, उनको अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी। ये लोग महत्वपूर्ण पद पर काबिज हैं। सरकारी बोर्ड व निगमों में भी कांग्रेस ने चेयरमैन और वाइस चेयरमैन नियुक्त कर रखे थे। इससे सरकारी धन का अपव्यय हो रहा है। जयराम की सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही निर्णय लिया है कि इन सभी पदों पर नियुक्तियां रद्द कर दी जाएंगी और इनके वेतन-भत्तों पर जो पैसा खर्च हो रहा था उसे विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। इसके अलावा जयराम ठाकुर की सरकार ने ऐसे लोगों को भी सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया है जिनकी नियुक्ति में पिछली सरकार ने सेवा विस्तार दिया था। हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सरकार ने 2000 कर्मचारियों को दोबारा बहाल किया था। सरकार ने वीरभद्र सरकार के पिछले छह महीने में लिये गये फैसलों की भी समीक्षा करने का निर्णय कैबिनेट में लिया है। (हिफी)
