स्वप्निल संसार। लखनऊ। मौलाना सय्यद अरशद मदनी साहब अध्यक्ष जमीयत उलमा – ऐ – हिन्द ने लखनऊ में राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा के आज से 1300 वर्ष पूर्व नाव के द्वारा मुसलमान केरल पहुँचे थे और अपने साथ अपना पर्सनल लॉ लाए थे। जो 1300 वर्ष से इस देश में सुरक्षित चला आ रहा है और दुनिया की कोई शक्ति मुसलमानो के पर्सनल लॉ में हस्तछेप नहीं कर सकती है।
उन्होंने मुसलमानो के विरुद्ध षडयंत्रो का वर्णन करते हुए कहा की पहले घर वापसी का मुद्दा छेड़ा और फिर मुसलमानो और ईसाईयों के वोट का अधिकार छीनने की बात चलायी गयी। और कहा की अगर देश का भाग्य बदलना है तो प्यार और मोहब्बत को अपना दाईत्व बनाते हुए सभी धर्मों को एक साथ आगे बढ़ना पड़ेगा। मौलाना ने बोला की अगर सरकार वास्तव में मुसलमानो से सहानुभूति रखती है तो अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक चरित्र को बहाल करे ताकि 51% मुस्लिम छात्र इसमें प्रवेश पा सके और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सके।
मौलाना साहब ने न्यायालय पर भरपूर भरोसे का अभिव्यक्त करते हुए कहा की 48 लाख आसामी मुसलमानो के शहरी अधिकार देने के ऐतिहासिक फैसला यह दर्शाता है की इस देश में न्याय है और धार्मिक कटटरता और साम्प्रदायिकता की कोई जगह नहीं है।
इस मौके पर कई धर्मों के धर्माधिकारी मौजूद रहे और उन्होंने ने भी देश में शांति और एकता बनाये रखने का पैगाम दिया।
वहीँ सम्मेलन में आये लाखो लोगों की वजह से शहर में लम्बा जाम लग गया, जिसको खुलवाने में पुलिस के पसीने छूट गए। अब सवाल यह खड़ा होता है की जब प्रशासन को मालूम था की शहर में बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है तो पहले से आमजन को सूचित क्यों नहीं किया गया साथ ही ट्रैफिक रूट में कोई बदलाव भी नहीं किया गया और सम्मलेन में आयी बसों को हॉस्पिटल जाने वाले रास्तों पर क्यों खड़ा होने दिया गया।