पीएनबी घोटाले का खलनायक राजेश जिंदल-बहुचर्चित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का नाम ही सबसे ज्यादा लिया जा रहा है लेकिन इस घोटाले का असली खलनायक पीएनबी के जीएम राजेश जिंदल को बताया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूंछतांछ के दौरान गिरफ्तार किये गये पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने बताया कि पूरे घोटाले के सूत्रधार जीएम राजेश जिंदल थे। उन्होंने ही बिना किसी प्रतिभूति और जमानत के नीरव मोदी को एलओयू जारी करने का निर्देश दिया था। गोकुल नाथ ने ईडी के सामने स्वीकार किया कि 2010 में उसने नीरव मोदी को पहला एलओयू जारी किया था। इसके बाद नीरव और मेहुल की कम्पनियों को 13700 करोड़ रूपये के सभी एलओयू उसने ही जारी किये। उल्लेखनीय है कि पीएनबी में फर्जी लेटर आफ अन्डर टेकिंग (एलओयू) के जरिए नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के घोटाला करने की बात सामने आयी थी। पंजाब नेशनल बैंक में 11360 करोड़ रूपये के घपले में नीरव मोदी की कंपनियों और बैंक की मुंबई स्थित ब्रैंजी हाउस शाखा में कुछ अन्य खातों की संलिप्तता उजागर होने के बाद बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई। नीरव और मेहुल चोकसी इस बीच विदेश चले गये। जांच में कई रहस्य सामने आ रहे हैं। अब इस घोटाले के बड़े खलनायक का पता चला है।
पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुल नाथ शेट्टी ने अब सीबीआई को भी पूछतांछ में बताया है कि उन्होंने इस घोटाले को अंजाम देने में मदद की है। उन्होंने कहा कि हमने लेबल फाइव के पास वर्ड को अपने पास रखा और उसे नीरव मोदी की कम्पनी के डाइरेक्टर के साथ भी शेयर किया लेकिन मुझे इससे कोई फायदा नहीं मिला। पीएनबी हेड आफिस के जीएम राजेश जिंदल ने हीं उसे मजबूर किया था कि बिना किसी प्रतिभूति और जमानत के नीरव मोदी की कम्पनी को एलओयू जारी कर दिया जाए। राजेश जिंदल के ही निर्देश पर 2010 में पहला एलओयू जारी किया था। पीएनबी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने फर्जी एलओयू जारी करने वाले पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैंनेजर गोकुल नाथ शेट्टी समेत तीन लोगों को 17 फरवरी को ही गिरफ्तार कर लिया था। (हिफी)
