लखनऊ। स्वप्निल संसार। राज्यपाल उ0प्र0 राम नाइक द्वारा हमारा लखनऊ पुस्तकमाला के 42वें पुष्प ‘‘‘ का विमोचन किया गया। उल्लेखनीय है कि सुविख्यात साहित्यकार पद्म भूषण पं0 नारायण चतुर्वेदी द्वारा स्थापित ‘हिन्दी वांग्मय निधि’ द्वारा ‘हमारा लखनऊ पुस्तकमाला’ इस प्रयोजन से आरम्भ की गई थी कि लखनऊ नगर वासियो को अपने शहर के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक पक्षों एवं विशिष्ट व्यक्तियो के सम्बन्ध में सरल भाषा में जानकारी उपलब्ध कराई जा सके ।
इतिहासकार प्रो0 शैलनाथ चतुर्वेदी की पहल पर आरम्भ हुई इस शृंखला में अब तक प्रकाशित 41 पुष्पों में लखनऊ का बंग समाज, लखनऊ के मोहल्ले और उनकी शान, बेगम हजरत महल, लखनऊ का कायस्थ समाज, लखनऊ के संगीतकार, लखनऊ का शिया समाज, लखनऊ की शायरी, लखनऊ के इमामबाड़े, लखनऊ के गिरजाघर, लखनऊ की रेजीडेंसी, लखनऊ का कॉफी हाउस, लखनऊ की तवायफें, लखनऊ का आर्य समाज आदि उल्लेखनीय हैं।
राज्यपाल, उत्तर प्रदेश राम नाइक ने इस अवसर पर कहा कि ‘हमारा लखनऊ पुस्तकमाला’ लखनऊ नगरवासियों और लखनऊ से जुड़े प्रवासियों के लिए एक अद्भुत भेंट है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित समाज को अपने इतिहास और सांस्कृतिक विरासत से अवश्य परिचित होना चाहिए।
श्री नाइक ने ‘लखनऊ की मड़ियांव छावनी’ के लेखक की प्रशंसा करते हुए कहा कि डाॅ नरेश सिंह ने बहुत परिश्रम से जीर्ण-शीर्ण भवनों के चित्रों और तत्कालीन अभिलेखो से यह रोचक पुस्तक तैयार की है।
‘‘लखनऊ की मड़ियाॅव छावनी‘‘ के लेखक डॉ नरेश सिंह ने पुस्तक में छावनी की स्थापना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उसका निर्माण, उसमें रहने वाले ब्रिटिश अफसरों और 1857 की क्रांति के दौरान हुई लोमहर्षक घटनाओं का विवरण रोचक शैली में प्रस्तुत किया है। डॉ नरेश सिंह बताते हैं कि अंग्रेज सैनिकों को रेजीडेंसी से पक्का पुल होते हुए आवागमन करने से नवाबों के परिवार की महिलाओं को बेपर्दिगी का सामना करना पड़ता था, इसलिए शहर से कुछ दूरी पर मड़ियाॅव में छावनी (कैंटोनमेंट) बनाने का निर्णय लेना पड़ा।
पुस्तक का संपादन राम किशोर बाजपेई द्वारा किया गया है। विमोचन समारोह के दौरान ख्यातिलब्ध साहित्यकार गोपाल चतुर्वेदी, लेखक डॉ नरेश सिंह, राम किशोर बाजपेई, हिंदी वांग्मय निधि के अध्यक्ष प्रो0 शैलेन्द्र नाथ कपूर, सचिव श्रीमती रागिनी चतुर्वेदी, कोषाध्यक्ष मनीष अवस्थी, सदस्य अरविन्द चतुर्वेदी एवं युनिवर्सल बुक डिपो के मानव प्रकाश उपस्थित रहे।