मुबारक़ साल गिरह । संजोग वॉल्टर। इंद्राणी मुखर्जी अभिनेत्री हैं जिन्होंने 1960 और 1970 के दशक में हिंदी फिल्मों में काम किया और 70 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। 1960 में, द्वारा उनकी स्क्रीनिंग की गई, उन्होंने मोनी भट्टाचार्जी द्वारा निर्देशित और सुनील दत्त और नंदा के साथ,बिमल रॉय द्वारा निर्मित, उसने कहा था (1960) के साथ अपनी शुरुआत की। उसने कहा था (1960) वो सुनील दत्त के साथ थीं। उसने कहा था उसने कहा था चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी पर आधारित थी। उसने कहा था आज भी अपने उम्दा कथानक और गीत संगीत के लिए याद की जाती है। उनकी अगली फ़िल्म थी धर्मपुत्र 1961 जिसे सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्म का पुरस्कार मिला। शादी1962गृहस्थी1963,हक़ीक़त,सुहागन 1964, उनकी बड़ी थी। आखिरी खत (1966) में वो नायिका थीं राजेश खन्ना की । यह पहली फ़िल्म थी राजेश खन्ना की । अच्छे कथानक और गीत संगीत के बाद भी आखिरी खत चल नहीं सकी। मेरे लाल 1966 मेँ वो देव कुमार और माला सिन्हा के साथ थीं। मेरे लाल के बाद,इंद्राणी मुखर्जी चरित्र भूमिकाएँ निभाने लगीं थीं।
इंद्राणी मुखर्जी का जन्म का जन्म ०1 मार्च 1942 को इलाहाबाद, संयुक्त प्रांत में बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता, डॉ जितेंद्र मुखर्जी, डॉक्टर थे, उनकी मां कामिनी देवी मुखर्जी समर्पित गृहिणी थीं। इंद्राणी सात बच्चों में से एक थी। उसकी चार बहनें और दो भाई थे।
1997 में निर्णायक उनकी अंतिम फिल्म थी । उन्होंने पंजाबी खत्री कृष्णलाल खन्ना से शादी की दंपति को चार बच्चे, दो बेटे और दो बेटियां हुईं। इंद्राणी के पुत्रों का नाम अनिरुद्ध खन्ना और दीपांकर खन्ना है, और वे नासिक में रहते हैं। दोनों की शादी हो चुकी है और इंद्राणी की बहुएं अंजू खन्ना (नी आहूजा) और निकेता खन्ना हैं। 1992 में मुंबई से नासिक चली गईं ।