लखनऊ। लालबाग गर्ल्स इण्टर कालेज की साइंस ब्लाक पर क़ब्ज़ा कर खुले लालबाग इजाबेला थोर्बन स्कूल को लेकर प्रबंधक श्रीमती मंजू सनी प्रसाद का कहना है की कि बीमारी के चलते वो कालेज नही जा पाती है, ऐसे में कालेज की ज़िम्मेदारी प्रधानाचार्य पर होती है की वो वहाँ के रख रखाव का ध्यान करें साथ ही प्रधानाचार्य के हाथ में वहाँ का प्रशासनिक नियंत्रण भी होता है । ऐसे में विद्यालय के संचालन एवं प्रशासन में उत्पन असुविधाओं और विधि विरुद्ध क्रियाकलापों की जानकारी प्रबंध समिति को देनी चाहिये थी लेकिन तत्कालीन प्रधानाचार्य अणिमा रिसाल सिंह और वर्तमान प्रधानाचार्य निशा श्रीवास्तव ने उन्हें कोई भी सूचना नही दी । प्रबंधक महोदया का कहना है कि उनसे तत्कालीन प्रधानाचार्य अणिमा रिसाल सिंह ने विज्ञान भवन की साफ़ सफ़ाई की अनुमति माँगी थी जो उन्होंने दे दी थी लेकिन वहाँ फ़र्ज़ी लालबाग इजाबेला थोर्बन स्कूल की स्थापना हो जाती है जिसकी उनको कोई जानकारी नहीं थी। प्रबंधक मंजू सनी प्रसाद ने कहा कि उन्होंने लालबाग इजाबेला थोर्बन स्कूल के संचालन की कोई अनुमति नही दी है साथ ही इस स्कूल में उनका कोई भी योगदान नही है । प्रबंधक महोदया ने ज़िला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) से कार्यवाही की अनुमति माँगी है, उन्होंने गुहार लगायी है कि इस कृत्य में सहभागी लोगों के ख़िलाफ़ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की उन्हें अनुमति प्रदान की जायें, जिससे लालबाग गर्ल्स इण्टर कालेज के साइंस ब्लाक पर संचालित हो रहे लालबाग इजाबेला थोर्बन स्कूल से सम्पत्ति पर क़ब्ज़ा वापस लिया जा सकें।
सवाल वही है, चंद शिक्षा माफ़िया स्कूलों की ज़मीनो पर क़ब्ज़ा करते है, भोले भालें अभिभावकों को फँसाकर उनके बच्चों का दाख़िला फ़र्ज़ी स्कूल में करते है लेकिन जब सरकारी कार्यवाही होती है तो उन अभिभावकों और छात्रों के साथ बड़ा छलावा होता है। इन सबका ज़िम्मेदार सिर्फ़ वो शिक्षा माफ़िया और उसके गुर्गे होते है । सरकार को ऐसी कार्यवाही करनी चाहिये जो नज़ीर बने उससे सबक़ हो की फिर कोई शिक्षा माफ़िया ऐसे कृत्य करने से भी घबरायें।