रुडॉल्फ डीजल का जन्म 18 मार्च 1858 को पेरिस में हुआ था। इनके माता पिता 1870 से इंग्लैंड में रहने लगे, किंतु अपेन बेटे को इन्होंने जर्मनी में ऑग्सवर्ग और म्यूनिख के कालेजों में पढ़ने भेजा। शिक्षा के पश्चात् ये कुछ काल तक पैरिस में शीतक यंत्रों के कारखाने के मैनेजर रहे, किंतु फिर म्यूनिख लौट गए।
दुनिया में कई लोगों की मौत आज भी रहस्य बनी हुई है। इन मौतों का राज आज तक नहीं खुल पाया है। इन्हीं में डीजल इंजन बनाने वाले रुडोल्फ डीजल की मौत भी शामिल है। डीजल इंजन से क्रांति लाने वाले रुडोल्फ की मौत कैसे हुई यह आज भी राज है। रहस्यपूर्ण तरीके से हुई रुडोल्फ डीजल की मौत स्वाभाविक थी, आत्महत्या थी या उनकी हत्या की गई थी यह गुत्थी आज तक नहीं सुलझाई जा सकी है।
रुडोल्फ डीजल बेल्जियम से हार्विक (इंग्लैंड) जा रहे थे, लेकिन वह ड्रेसडेन नाम के जहाज से अचानक लापता हो गए थे। उनके गायब होने करीब 11 दिन बाद अरब सागर में एक शव उतराता मिला था। जब इस शव की जांच की गई, तो पता चला कि यह डीजन इंजन के आविष्कार करने वाले महान रुडोल्फ डीजल का है। रुडोल्फ 29 सितंबर 1913 को गायब हुए थे और उनका शव 10 अक्टूबर को बरामद किया गया था। रुडोल्फ की मौत कैसे हुई यह आज भी रहस्य है। आधिकारिक तौर पर बताया गया कि उन्होंने सुसाइड की थी, लेकिन कई लोग इस दावे को नकारते हैं। कई लोगों ने उनकी आत्महत्या के दावे पर सवाल उठाते हुए उनकी हत्या की आशंका जताई है।
रुडोल्फ डीजल ने अपने ‘कंप्रेशन इंग्निशन इंजन’ को 28 फरवरी 1892 को पेटेंट कराया। शुरुआत में यह इंजन मूंगफली के तेल या वनस्पति तेल से चलता था। इसके बाद रुडोल्फ ने इसमें सिलेंडर जोड़ दिया। फिर उन्होंने पेट्रोल से अलग और सस्ते तरल ईंधन का प्रयोग किया। इंजन में इस तेल को डालते ही वह स्टार्ट हो गया।
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद डीजल इंजन को ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल में लाया गाया। इस इंजन ने एक तरह से क्रांति ला दी। डीजल इंजन से ट्रकों और रेलगाड़ियों को नई ताकत मिली। ढुलाई की रफ्तार भी बढ़ गई और यह सस्ता भी हो गया। अमर उजाला से साभार