पिताओं के सम्मान में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं जिसमे फादरहुड, तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है। अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार, तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है। यह माता के सम्मान हेतु मनाये जाने वाले मदर्स डे का पूरक है। फादर्स डे की शुरुआत बीसवीं सदी के प्रारंभ में पिताधर्म तथा पुरुषों द्वारा परवरिश का सम्मान करने के लिये मातृ-दिवस के पूरक उत्सव के रूप में हुई. यह हमारे पूर्वजों की स्मृति और उनके सम्मान में भी मनाया जाता है। फादर्स डे को विश्व में विभिन तारीखों पर मनाते है – जिसमें उपहार देना, पिता के लिये विशेष भोज एवं पारिवारिक गतिविधियाँ शामिल हैं। आम धारणा के विपरीत, वास्तव में फादर्स डे सबसे पहले पश्चिम वर्जीनिया के फेयरमोंट में 5 जुलाई 1908 को मनाया गया था। कई महीने पहले 6 दिसम्बर 1907 को मोनोंगाह, पश्चिम वर्जीनिया में एक खान दुर्घटना में मारे गए 210 पिताओं के सम्मान में इस विशेष दिवस का आयोजन श्रीमती ग्रेस गोल्डन क्लेटन ने किया था। प्रथम फादर्स डे चर्च आज भी सेन्ट्रल यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च के नाम से फेयरमोंट में मौजूद है।
गलत सूचनाओं तथा पश्चिम वर्जीनिया द्वारा पहले फादर्स डे को छुट्टी के रूप में दर्ज नहीं करने के कारण कई अन्य सूत्र यह मानते हैं कि प्रथम फादर्स डे स्पोकाने, वाशिंगटन के सोनोरा स्मार्ट डोड के प्रयासों से दो वर्ष बाद 19 जून 1910 को आयोजित किया गया था। 1909 में स्पोकाने के सेंट्रल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च के बिशप द्वारा हाल ही में मान्यता प्राप्त मदर्स डे पर दिए गए एक धर्मउपदेश को सुनने के बाद, डोड को लगा कि पिताधर्म को भी अवश्य मान्यता मिलनी चाहिए. वे अपने पिता विलियम स्मार्ट जैसे अन्य पिताओं के सम्मान में उत्सव आयोजित करना चाहती थीं, जो एक सेवानिवृत्त सैनिक थे तथा जिन्होंने छठे बच्चे के जन्म के समय, जब सोनोरा 16 वर्ष की थी, अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद अपने परिवार की अकेले परवरिश की थी।
अगले वर्ष ओल्ड सेन्टेनरी प्रेस्बिटेरियन चर्च (अब नौक्स प्रेस्बिटेरियन चर्च) के पादरी डॉ कोनराड ब्लुह्म की सहायता से सोनोरा इस विचार को स्पोकाने वायएमसीए के पास ले गयी। स्पोकाने वायएमसीए तथा मिनिस्टीरियल अलायन्स ने डोड के इस विचार का समर्थन किया और 1910 में प्रथम फादर्स डे मना कर इसका प्रचार किया। सोनोरा ने सुझाव दिया कि उनके पिता का जन्मदिन, 5 जून को सभी पिताओं के सम्मान के लिये तय कर दिया जाये. चूंकि पादरी इसकी तैयारी के लिए कुछ और वक़्त चाहते थे इसलिये 19 जून 1910 को वायएमसीए के युवा सदस्य गुलाब का फूल लगा कर चर्च गये, लाल गुलाब जीवित पिता के सम्मान में और सफेद गुलाब मृतक पिता के सम्मान में। डोड घोड़ा-गाड़ी में बैठकर पूरे शहर में घूमीं और बीमारी के कारण घरों में रह गये पिताओं को उपहार बांटे।
इसे आधिकारिक छुट्टी बनाने में कई साल लग गए। वायएमसीए, वायडब्लूसीए तथा चर्च के समर्थन के बावजूद फादर्स डे के कैलेंडर से गायब होने का डर बना रहा। जहां मदर्स डे को उत्साह के साथ मनाया जाता वहीं फादर्स डे की हँसी उड़ाई जाती। धीरे-धीरे छुट्टी को समर्थन मिला लेकिन गलत कारणों के लिए. यह स्थानीय अखबार के चुटकुलों सहित व्यंग्य, पैरोडी तथा उपहास का पात्र बन गया। बहुत से लोगों ने इसे कैलेंडर को विचारहीन प्रोत्साहन से भरने के पहले कदम के रूप में देखा।
छुट्टी को राष्ट्रीय मान्यता देने के लिये 1913 में बिल कांग्रेस में पेश किया गया। 1916 में, राष्ट्रपति वुडरो विल्सन फादर्स डे समारोह में भाषण देने स्पोकाने गये तो वे इसे आधिकारिक बनाना चाहते थे किंतु इसके व्यावसायीकरण के डर से काँग्रेस ने इसका विरोध किया। अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने 1924 में सिफारिश की कि यह दिवस पूरे राष्ट्र द्वारा मनाया जाये किंतु इसकी राष्ट्रीय घोषणा को रोक दिया. इस छुट्टी को औपचारिक मान्यता दिलाने के दो प्रयासों को काँग्रेस ठुकरा चुकी थी। 1957 में, मेन सीनेटर मार्ग्रेट चेज स्मिथ ने काँग्रेस पर माता-पिता में से पिता को अकेला छोड़ कर, सिर्फ माताओं का सम्मान करके 40 साल तक पिता की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए एक प्रस्ताव लिखा। 1966 में, राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने प्रथम राष्ट्रपतीय घोषणा जारी कर जून महीने के तीसरे रविवार को पिताओं के सम्मान में, फादर्स डे के रूप में तय किया। छह साल बाद 1972 में वह दिन आया जब राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस कानून पर हस्ताक्षर किये और यह एक स्थायी राष्ट्रीय छुट्टी बना।
फादर्स डे के अलावा, कई देशों में 19 नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है, ऐसे पुरुषों और लड़कों के सम्मान में जो पिता नहीं हैं।
1930 के दशक में एसोसिएटेड मेन्स वियर रिटेलर्स ने न्यूयार्क शहर में राष्ट्रीय फादर्स डे समिति बनाई, जिसका 1938 में नाम बदल कर फादर्स डे के प्रोत्साहन के लिये राष्ट्रीय परिषद रख दिया गया तथा कई अन्य व्यापारिक समूह गठित किये गये। इस परिषद का उद्देश्य था लोगों के दिमाग में इस छुट्टी को वैधता दिलाना तथा छुट्टी के दिन बिक्री बढ़ाने के लिये एक व्यावसायिक कार्यक्रम की तरह इस छुट्टी को बढ़ावा देना। इस परिषद को हमेशा डोड का समर्थन मिला, जिनको छुट्टी के व्यावसायीकरण से कोई समस्या नहीं थी तथा उन्होंने उपहारों की राशि बढ़ाने के लिये अनेक प्रेत्साहनों का समर्थन किया। इस पहलू से डोड को एन्ना जारविस के उलट माना जा सकता है जिन्होंने मदर्स डे के सभी तरह के व्यवसायीकरण का विरोध किया था।
व्यापारियों ने छुट्टी पर नकल तथा व्यंग्य करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे कर पिताओं के लिये उपहार संबंधी विज्ञापनों पर ही छुट्टी का मजाक उड़ाया। व्यावसायिक दिखावे को समझते हुए भी लोग उपहार खरीदने के लिये मजबूर हुए तथा उस दिवस पर उपहार देने का रिवाज उत्तरोत्तर अधिक स्वीकार्य होता गया।1937 में फादर्स डे परिषद ने गणना की कि इस दिन छह में से केवल एक पिता को ही उपहार मिलता था। हालांकि, 1980 का दशक आते-आते परिषद ने घोषणा की कि उन्होंने अपने लक्ष्य प्राप्त कर लिये हैं- एक दिन का यह कार्यक्रम, एक “दूसरे क्रिसमस” के रूप में तीन सप्ताह के व्यावसायिक कार्यक्रम में बदल चुका था। इसके कार्यकारी निदेशक ने 1949 में कहा था कि परिषद एवं उसे समर्थन देने वाले समूहों के समन्वित प्रयासों के बिना यह छुट्टी गायब हो गई होती। हालांकि इस कार्यक्रम का नाम आमतौर पर “पिताओं से संबंधित दिन” के रूप में समझा जाता है, सामान्यतः जिसकी वर्तनी को “Fathers’ Day” होना चाहिए लेकिन सर्वाधिक प्रचलित वर्तनी “Father’s Day” है, मानो यह एक वचन (अर्थात- “पिता से संबंधित दिन”) हो। संयुक्त राज्य अमेरिका में डोड ने छुट्टी के लिये अपने मूल प्रार्थना-पत्र में “Fathers’ Day” वर्तनी का प्रयोग किया था, किंतु वर्तनी “Father’s Day” 1913 से ही प्रचलित थी जब छुट्टी को स्थापित करने के प्रथम प्रयास के रूप में अमेरिकी कांग्रेस में पहली बार बिल पेश किया गया था तथा यही वर्तनी 2008 तक चलती रही जब अमेरिकी काँग्रेस द्वारा इसके जनक का सम्मान किया गया।एजेन्सी।