हादसे में मारे गए कुल 329 लोगों में से 268 #कनाडा, 27 #इंग्लैंड, 10 #अमेरिका और 2 #भारत के नागरिक थे. साथ ही जहाज की क्रू में शामिल सभी भारतीय (22 लोग) भी मारे गए। इन यात्रियों में शामिल थे इन्द्र ठाकुर ,इन्द्र ठाकुर ने देवेन वर्मा की चटपटी से अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत की थी। #नदियाकेपार ने उनको मशहूर कर दिया था। नदिया के पार मैं वो सचिन के बड़े भाई बने थे। इस फिल्म में उनकी नायिका थीं मिताली। हीरो और तुलसी में भी थे। इन्द्र ठाकुर के खाते में सिर्फ 4 फ़िल्में ही थीं। #इन्द्रठाकुर बीते दौर के अभिनेता #हीरालाल के बेटे थे। 131 यात्रियों के शव महासागर से बरामद किए जा सके।एयर इंडिया फ़्लाइट 182 मॉन्ट्रियल-लंदन-दिल्ली-मुंबई मार्ग के बीच परिचालित होने वाली एयर इंडिया की उड़ान थी। 23 जून 1985 को मार्ग — पर परिचालित होने वाला एक हवाई जहाज़, बोइंग 747-237B (c/n 21473/330, reg VT-EFO) जिसका नाम सम्राट कनिष्क — के नाम पर रखा गया था, आयरिश हवाई क्षेत्र में उड़ते समय, 31,000 फीट (9,400 मी॰) की ऊंचाई पर, बम से उड़ा दिया गया और वह अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 329 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें अधिकांश भारत में जन्मे या भारतीय मूल के 280 कनाडाई नागरिक और 22 भारतीय शामिल थे।[1] यह घटना आधुनिक कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी। विस्फोट और वाहन का गिरना, संबंधित नारिटा हवाई अड्डे की बमबारी के एक घंटे के भीतर घटित हुआ।
जांच और अभियोजन में लगभग 20 वर्ष लगे और यह कनाडा के इतिहास में, लगभग CAD $130 मिलियन की लागत के साथ, सबसे महंगा परीक्षण था। एक विशेष आयोग ने प्रतिवादियों को दोषी नहीं पाया और उन्हें छोड़ दिया गया। 2003 में मानव-हत्या की अपराध स्वीकृति के बाद, केवल एक व्यक्ति को बम विस्फोट में लिप्त होने का दोषी पाया गया। परिषद के गवर्नर जनरल ने 2006 में भूतपूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जॉन मेजर को जांच आयोग के संचालन के लिए नियुक्त किया और उनकी रिपोर्ट 17 जून 2010 को पूरी हुई और जारी की गई। यह पाया गया कि कनाडा सरकार, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस और कैनेडियन सेक्युरिटी इंटलिजेन्स सर्विस द्वारा “त्रुटियों की क्रमिक श्रृंखला” की वजह से आतंकवादी हमले को मौक़ा मिला। एजेन्सी।