स्वप्निल संसार। राज बब्बर का जन्म 23 जून 1952 को टूंडला में हुआ था। वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के 1975 बैच के छात्र रहे हैं। आगरा के ही विद्यालय फैज-ए-आम इंटर कालेज से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और उन्होंने आगरा कॉलेज से स्नातक किया तथा एनएसडी में विधिवत् अभिनय का प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ ही स्ट्रीट थियेटर से जुड़ गए थे। । नई दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत वह बम्बई अब मुंबई चले गए फिल्म इंसाफ का तराजू से वो मशहूर हुए ।वो सिर्फ 100 रुपये लेकर बम्बई अब मुम्बई आ गए थे। उनके पास स्कूटर थी। जिसे उन्होंने बेच दी थी और उससे जो रुपये मिले थे वो अपनी पत्नी को दे दिए थे। उस वक्त उनकी बेटी पैदा ही हुई थी। राज बब्बर ने पत्नी नादिरा बब्बर से कहा कि अब वो एक साल के लिए जा रहे हैं तो इसलिए वो रुपये देकर जा रहे हैं। राज बब्बर की पहली शादी नादिरा बब्बर से हुई है- उनसे उन्हें दो बच्चे हैं। जूही बब्बर और आर्य बब्बर। उनकी दूसरी शादी स्मिता पाटिल से हुई थी, जिनका लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था । उनसे उन्हें एक बेटा है जिसका नाम प्रतीक बब्बर है। प्रतीक बब्बर भी बॉलीवुड फिल्मों में अभिनेता है। उन्होंने 150 से अधिक फिल्मों और 30 नाटकों में अभिनय किया है; उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार से ‘यश भारती’ सम्मान मिला है। वे ऐसे संगठनों से जुड़े हैे जो एड्स की रोकथाम, मादक पदार्थों की लत और शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग लोगों के कल्याण के लिए काम करते हैं।
बार संसद के लिए चुने गए। 1994 से 1999 तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्हें 2004 में दूसरे कार्यकाल के लिए 14 वीं लोकसभा के चुनाव में फिर से निर्वाचित किया गया। 2006 में सपा से निलंबित होने के बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के साथ जुड़ गए । 2008 में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए जनवरी 2008 में वे दुबारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने। 2009 में चौथी बार संसद सदस्य चुने गए। 2014 में गाजियाबाद से उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और पूर्व जनरल वीके सिंह से पराजित हुए।राज बब्बर एक बार फिर से 2019 में फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव में उतरे। भाजपा के राजकुमार चाहर ने उन्हें करीब पांच लाख वोटों से करारी शिकस्त दी।