संजोग वॉल्टर। मुबारक साल गिरह। मेरठ के अबू लेन,घंटाघर,साकेत ,गोल मार्किट, नौचंदी,कैंट,लालकुर्ती में अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हे लाल रंग की एवन लेडीज़ साइकल चलाती हुई लड़की याद होगी जो बहुत तेज़ साइकल चलाती थी । बहुत तेज़ी से गुज़र जाती थी। जब नौचंदी में नुमाईश लगती थी तब बहुत से लड़कों को यासमीन” का इंतज़ार रहता था। नौचंदी में दो दो हिस्से होते भीड़ के यासमीन” के पीछे दूसरे नुमाईश””‘देखते थे। कितनों के सर फूट गए थे। वर्चस्व की लड़ाई में। यासमीन” सिर्फ साइकल ही तेज़ नहीं चलाती थी उसकी ज़ुबान और वो दोनों ही तेज़ चलती थी।वो हवा की तरह आती थी वी वैसे ही चली जाती थी। कुछ ही देर में नौचंदी से भीड़ भी कम हो जाती थी।
यास्मीन का सर नेम जोसफ था उनका जन्म 30 जुलाई,1969 में एंग्लो-इंडियन परिवार में हुआ था। इनकी माता मुस्लिम हैं।
यासमीन” हीरोइन तो थी ही फिल्मों में काम करना चाहती थी एक दिन किस्मत ने यासमीन को मौका दिया,राज कपूर साहब को नये चेहरे की तलाश थी। यासमीन ने अपनी फोटो डाक से आर के स्टूडियो भिजवा दी। कुछ ही दिनों के बाद मेरठ के अप्सरा टॉकीज़ के मालिक जो राज कपूर साहब के दोस्त भी थे कुछ ही दिनों के बाद मेरठ के अप्सरा टॉकीज़ के मालिक जो राज कपूर साहब के दोस्त भी थे वो जैस्मीन के घर पहुँच गये। यासमीन को मानो पर लग गए थे राज कपूर साहब का दावतनामा बम्बई आने का। टिकट भी था। यासमीन बम्बई पहुंची। स्क्रीन टेस्ट हुआ। यासमीन अब मन्दाकिनी थीं। फिल्म थी राम तेरी गंगा मैली।
मधुबाला के बाद वो दूसरी स्क्रीन ब्यूटी थी। हर्शिल में राम तेरी गंगा मैली की शूटिंग हुई यहाँ वो झरना भी है जहाँ मन्दाकिनी के नहाने का दृश्य है। इतनी ठण्ड में खुले में नहाना शायद ही किसी हिम्मत होती। राज कपूर साहब ने इस का भी तोड़ निकाल लिया। गाने को हर्शिल में फिल्माया और मंदाकनी के नहाने का दृश्य अपने फार्म हॉउस में जो लोना वाला में। एडिटर राज कपूर साहब का यह कमाल था दो अलग अलग जगहें और दो झरने एक असली और एक नकली। फ़र्क न के बराबर। हर्शिल में अब तो एक बोर्ड लगा दिया गया टैक्सी वाले यात्रियों को इस जगह पर लाते हैं और एक अधूरी जानकारी लोगों को परोस देते हैं। हर्शिल अब उत्तराखंड में है।
राम तेरी गंगा मैली सुपर हिट हुई। मेरठ के अप्सरा टॉकीज़ पर लाइने लगी रह्ती थीं। राम तेरी गंगा मैली में यासमीन को देख कर चीख़ते -चिल्लाते कुछ आहे भरते लडक़े। राम तेरी गंगा मैली से पहले यासमीन को मौका मिला था कुमार गौरव के साथ जो लव स्टोरी से कामयाब हुए थे। इस कामयाबी के बाद कुमार गौरव ने फैसला किया कि वो किसी भी नई लडक़ी के साथ काम नहीं करेंगे। उसी दौरान प्रोड्यूसर दिनेश बंसल ने अपनी फिल्म ‘शीरी फरहाद’ के लिए जैस्मीन को साइन किया था लेकिन कुमार गौरव ने उनके साथ काम करने से इंकार कर दिया। दिनेश बंसल ने कुमार गौरव को समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने फिल्म भी ठंडे बस्ते में चली गई ।
मन्दाकिनी ने कुल 45 फिल्मों में अभिनय किया। कुछ गलत फैसले कुछ विवाद इन सबके के चलते मंदाकिनी ने फ़िल्मी करियर से 1996 में संन्यास ले लिया। जोरदार (1996 ) उनकी आख़िरी फिल्म थी। मशहूर डॉक्टर कग्यूर टी. रिनपोचे ठाकुर के साथ उन्होंने 1996 में ही शादी रचा ली। रिनपोचे ठाकुर मर्फी बेबी के नाम से साथ काफी मशहूर हुए थे। मंदाकिनी-रिनपोचे की बेटी राबजी इनाया ठाकुर हैं। 2010 में इनकी ज़िंदगी में दर्दनाक हादसा हुआ इनके बेटे राबिल ठाकुर की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मंदाकिनी अपने पति डॉक्टर कग्यूर टी. रिनपोचे ठाकुर के साथ मुंबई में ही रहती हैं। मंदाकिनी तिब्बती हर्बल सेंटर चलाती हैं साथ ही वो दलाई लामा की फॉलोअर भी हैं।