मुबारक सा
मुबारक साल गिरह- संजोग वॉल्टर। ग़ुलज़ार हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अलावा वे कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और 2012 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2009 में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। दादा साहब फाल्के सम्मान – 2013
सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलज़ार का जन्म झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है,18 अगस्त 1936 को हुआ था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनकी माँ उन्हें बचपन में ही छोङ कर चल बसीं। माँ के आँचल की छाँव और पिता का दुलार भी नहीं मिला। वह नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे। बंट्वारे के बाद उनका परिवार अमृतसर (पंजाब, भारत) आकर बस गया, वहीं गुलज़ार साहब बम्बई अब मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक काम करने लगे और खाली समय में कवितायें लिखने लगे। फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। बिमल राय की फ़िल्म बंदनी के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा। गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सृजक हैं।
गुलजार द्वारा लिखे गए पुस्तकें -चौरस रात (लघु कथाएँ, 1962) जानम (कविता संग्रह, 1963) एक बूँद चाँद (कविताएँ, 1972) रावी पार (कथा संग्रह, 1997) रात, चाँद और मैं (2002) रात पश्मीने की खराशें (2003) चलचित्र सृजन।
गुलजार ने बतौर निर्देशक अपना सफर 1971 में मेरे अपने से शुरू किया। इससे पहले उन्होंने आशीर्वाद, आनन्द, ख़ामोशी और अन्य जैसी फिल्मों के लिए संवाद और पटकथा लिखी थी। मेरे अपने फिल्म तपन सिन्हा की बंगाली फिल्म अपंजन (1969) की पुनर्निर्मीती थी। इस फ़िल्म में मीना कुमारी ने आनंदी देवी की प्रमुख भूमिका निभाई, जो एक बुढी विधवा है जो बेरोजगारों और पीड़ित युवाओं की स्थानीय झगड़ों के बीच गिर जाती है। एसे हि एक झगड़े में आनंदी देवी की मौत के कारण उन्हें पता चलता है कि हिंसा कैसे व्यर्थ है।
1972 में आयी संजीव कुमार और जया भादुङी अभिनीत फिल्म कोशिश जो एक गूंगे बहरे दम्पति के जीवन पर आधारित कहानी थी, ने आलोचकों को भी हैरान कर दिया। संजीव कुमार को इस फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला।
इसके बाद गुलजार ने संजीव कुमार के साथ आंधी , मौसम (1975), अंगूर (1982) नमकीन (1982) फिल्मे निर्देशित की। गुलजार द्वारा निर्देशित फ़िल्में -मेरे अपने (1971) परिचय कोशिश (1972) अचानक (1973) खुशबू- आँधी (1975) मौसम (1976) किनारा (1977) किताब (1978) मीरा (1979) अंगूर नमकीन (1982) इजाजत (1987) लिबास (1988) लेकिन (1990) माचिस (1996) हु तू तू (1999)।
गुलजार द्वारा लिखे गए गीतों वाले फिल्मों की सूची- ओमकारा रेनकोट पिंजर दिल से आँधी दूसरी सीता इजाजत
पटकथा लेखन आँधी (1975) – पटकथा, संवाद मीरा (1979) – पटकथा, संवाद।
पुरस्कार और सम्मान-फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ गीतकार – 1977, 1979, 1980, 1983, 1988, 1988,1991,1998,2002, 2005।
ल गिरह- संजोग वॉल्टर। ग़ुलज़ार हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अलावा वे कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और 2012 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2009 में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। दादा साहब फाल्के सम्मान – 2013
सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलज़ार का जन्म झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है,18 अगस्त 1936 को हुआ था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनकी माँ उन्हें बचपन में ही छोङ कर चल बसीं। माँ के आँचल की छाँव और पिता का दुलार भी नहीं मिला। वह नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे। बंट्वारे के बाद उनका परिवार अमृतसर (पंजाब, भारत) आकर बस गया, वहीं गुलज़ार साहब बम्बई अब मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक काम करने लगे और खाली समय में कवितायें लिखने लगे। फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। बिमल राय की फ़िल्म बंदनी के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा। गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सृजक हैं।
गुलजार द्वारा लिखे गए पुस्तकें -चौरस रात (लघु कथाएँ, 1962) जानम (कविता संग्रह, 1963) एक बूँद चाँद (कविताएँ, 1972) रावी पार (कथा संग्रह, 1997) रात, चाँद और मैं (2002) रात पश्मीने की खराशें (2003) चलचित्र सृजन।
गुलजार ने बतौर निर्देशक अपना सफर 1971 में मेरे अपने से शुरू किया। इससे पहले उन्होंने आशीर्वाद, आनन्द, ख़ामोशी और अन्य जैसी फिल्मों के लिए संवाद और पटकथा लिखी थी। मेरे अपने फिल्म तपन सिन्हा की बंगाली फिल्म अपंजन (1969) की पुनर्निर्मीती थी। इस फ़िल्म में मीना कुमारी ने आनंदी देवी की प्रमुख भूमिका निभाई, जो एक बुढी विधवा है जो बेरोजगारों और पीड़ित युवाओं की स्थानीय झगड़ों के बीच गिर जाती है। एसे हि एक झगड़े में आनंदी देवी की मौत के कारण उन्हें पता चलता है कि हिंसा कैसे व्यर्थ है।
1972 में आयी संजीव कुमार और जया भादुङी अभिनीत फिल्म कोशिश जो एक गूंगे बहरे दम्पति के जीवन पर आधारित कहानी थी, ने आलोचकों को भी हैरान कर दिया। संजीव कुमार को इस फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला।
इसके बाद गुलजार ने संजीव कुमार के साथ आंधी , मौसम (1975), अंगूर (1982) नमकीन (1982) फिल्मे निर्देशित की। गुलजार द्वारा निर्देशित फ़िल्में -मेरे अपने (1971) परिचय कोशिश (1972) अचानक (1973) खुशबू- आँधी (1975) मौसम (1976) किनारा (1977) किताब (1978) मीरा (1979) अंगूर नमकीन (1982) इजाजत (1987) लिबास (1988) लेकिन (1990) माचिस (1996) हु तू तू (1999)।
गुलजार द्वारा लिखे गए गीतों वाले फिल्मों की सूची- ओमकारा रेनकोट पिंजर दिल से आँधी दूसरी सीता इजाजत
पटकथा लेखन आँधी (1975) – पटकथा, संवाद मीरा (1979) – पटकथा, संवाद।
पुरस्कार और सम्मान-फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ गीतकार – 1977, 1979, 1980, 1983, 1988, 1988,1991,1998,2002, 2005।