राकेश अचल । भारतीय जन मानस के जितने भी आदर्श पुरुष हैं उनमें से अपवादों को छोड़कर अधिकांश ने पापी पेट के लिए नैतिकता और अनैतिक का भेद किए बिना विज्ञापनों के लिए काम किया है। अभिनय के कथित शह... Read more
भूतोत्सव( हेलोवीन) के साथ पहला अनुभव राकेश अचल। दुनिया के हर देश की अपनी -अपनी लोक मान्यताएं और विश्वास होते हैं। इनमें एक है अपने पूर्वजों के प्रति स्नेह,समर्पण और उनका स्मरण। अमेरिका , कना... Read more
राकेश अचल । पाठकों के जायके में तब्दीली लेखक की जिम्मेदारी है, इसीलिए आज न सियासत पर बात होगी न नाकामियों पर।आज बात होगी मिट्टी से बनी उस खपरैल पर जो भारत के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर... Read more
राकेश अचल। पिछले आठ साल से भाजपा ” एक निशान,एक विधान ‘का नारा देकर आगे बढ़ रही है। भाजपा के इस नारे में कोई बुराई नहीं है लेकिन ये फार्मूला देश की विविधता की वजह से कामयाब नही हो... Read more
राकेश अचल । भारत में सब कुछ अलग होता है। आंकड़े भी।दो आंकड़े तो जग जाहिर हैं।एक छत्तीस का और दूसरा छप्पन का। छप्पन का आंकड़ा स्वाभाविक है कि छत्तीस के आंकड़े से बड़ा होता है।ये आंकड़े अकेले... Read more
राकेश अचल- सियासत की बात करने से गालियां खाना पड़तीं हैं लेकिन मंहगाई की बात करने से कौन सा पदम् पुरस्कार मिल जाता है ? बात तो करना ही पड़ती है. आप महाकाल लोक की बात मत कीजिये क्योंकि इससे धार... Read more
आदिकवि वाल्मीकि उन्होने संस्कृत में रामायण की रचना की। उनके द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई। जो कि राम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य से, कर्तव्य से, परिचित करवाता है। वाल्... Read more
राकेश अचल-देश की जनता ही नहीं आवारा ढोर-डांगर भी सरकार से टकराने पर आमादा हैं. भैंस के बाद गाय देश की द्रुतगति से चलने वाली वन्दे मातरम रेल से टकरा गयी.बेचारे रेल मंत्री सफाई दे -देकर परेशान... Read more
एक को तो मिल चुका है ऑस्कर अवॉर्ड आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 154 वीं जयंती है। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। देश ही नहीं दुनिया भर में उन्हें अहिंसा के सबस... Read more
राकेश अचल-ये लेख मुझे एक दिन पहले लिखना चाहिए था.नहीं लिखा क्योंकि बात तो आज करना थी. आज महात्मा गांधी का जन्मदिवस है.पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के साथ ही असंख्य लोग भी आज 2 अ... Read more