जयंतो पर विशेष-फणीश्वरनाथ रेणु हिन्दी कथा साहित्य के महत्त्वपूर्ण रचनाकार थे। फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के पूर्णिया के ‘औराही हिंगना’ गांव में... Read more
फ़िराक़ गोरखपुरी उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार है। उनका जन्म 28 अगस्त 1896 को गोरखपुर, में कायस्थ परिवार में हुआ। इनका मूल नाम रघुपति सहाय था। रामकृष्ण की कहानियों से शुरुआत के बाद की शिक्ष... Read more
स्मृति शेष। पंडित नरेंद्र शर्मा हिन्दी के प्रसिद्ध कवि, लेखक एवं सम्पादक थे। नरेंद्र शर्मा का जन्म 28 फ़रवरी, 1913 को खुर्जा के जहाँगीरपुर में हुआ था । पंडित ने नरेंद्र शर्मा इलाहाबाद विश्वव... Read more
वृंदावनलाल वर्मा ऐतिहासिक उपन्यासकार एवं निबंधकार थे। इनका जन्म मऊरानीपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम अयोध्या प्रसाद था। वृंदावनलाल वर्मा जी के विद्या-गुरु स्वर्गीय पण्डित विद्याधर दीक्षित... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष स्वप्निल संसार। अमृतलाल नागर,हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इन्होंने नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य आदि के क्षेत्र में भी महत्त्वपू... Read more
जयंती पर विशेष- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष-स्वप्निल संसार’ समाचार । भवानी प्रसाद मिश्र हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। भवानी प्रसाद मिश्र दूसरे तार-सप्तक के प्रमुख कवि हैं। मिश्र जी विचारों, संस्क... Read more
28 जुलाई, 1926 को तत्कालीन बनारस जिले के जीयनपुर गांव में नामवर सिंह का जन्म हुआ था। नामवर सिंह ने अपने लेखन की शुरुआत कविता से की और 1941 में उनकी पहली कविता ‘क्षत्रियमित्र’ पत्रिका में छपी... Read more
हिंदी कथा साहित्य में कृष्णा सोबती की विशिष्ट पहचान है. उनके संयमित लेखन और साफ़-सुथरी रचनात्मकता ने अपना एक नया पाठक वर्ग बनाया है. उनके कई उपन्यासों, कहानियों और संस्मरणों ने हिंदी के साह... Read more
स्वप्निल संसार। ‘चमक उठी सन् सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी ख़ूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी। ’ इन पंक्तियों का उद्घोष होते ही इनकी लेखि... Read more