संजोग वॉल्टर-साधना अपने पिता की मदद करने के लिए वो फिल्मों में आई, क्यों की उनके परिवार का सब कुछ करांची में छुट गया था साधना एकलौती औलाद थी साधना यह नाम दिया था उनके पिता ने उस दौर में साधन... Read more
– वीर विनोद छाबड़ा-आज की पीढ़ी को बिलकुल विश्वास नहीं करेगी कि एक ज़माने में परदे की दुनिया में एक ऐसा खलनायक भी आया था जो सूटेड-बूटेड परफ़ेक्ट जैंटिलमैन था। परंतु उसके चेहरे के हाव-भाव,... Read more
ऋतुपर्णो घोष बंगाली फि़ल्मों के प्रसिद्ध निर्देशक, लेखक और अभिनेता थे। ‘चोखेर बाली, ‘रेनकोट और ‘अबोहोमन फि़ल्मों के लिए ‘राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ऋतुपर्णो घोष की ख्... Read more
हिंदी सिनेमा के जाने माने अभिनेता निर्माता निर्देशक लेखक किशोर साहू का जन्म 22 नवम्बर 1915 को सेंट्रल प्रोविन्स के रायगढ़ जिले में हुआ था। जो छत्तीसगढ़ में है। किशोर साहू ने हर प्रकार की फिल... Read more
हिंदी -बंगला सिनेमा के एक्टर और डायरेक्टर उत्पल दत्त का जन्म 29 मार्च, 1929 को पूर्वी बंगाल (ब्रिटिश भारत) के बारीसाल में में हुआ था। इनके पिता का नाम गिरिजारंजन दत्त था। इन्होंने अपनी पढ़... Read more
जयंती पर विशेष- -संजोग वाल्टर। फिल्म साहिब बीबी और गुलाम में छोटी बहु मीना कुमारी अकेलेपन से तंग आकर शराब का सहारा लेती है. ऐसा ही हुआ असलियत में उनकी ज़िन्दगी में जब उन्हें सहारे की ज़रूरत... Read more
रवि बासवानी एक पीढ़ी की चेतना के साथ नत्थी हैं । अस्सी के दशक में चश्मेबद्दूर और जाने भी दो यारो किसने नहीं देखी ये दोनों ही फिल्में देश के फिल्म इतिहास में अपनी खास जगह रखती हैं। जाने भी दो... Read more
–स्वप्निल संसार। हिंदी फिल्मों में ऐसे बहुत से ऐसे नाम है जिनकी शुरुआती ज़िंदगी के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है,ऐसे ही एक फिल्म कार थे बाबू राम इशारा जिन्होंने 1970 के दशक में अपनी ब... Read more