कुछ घंटों की बारिश ने राजधानी को किया अस्त व्यस्त
लखनऊ,एजेंसी। कुछ घंटों की ज़ोरदार बारिश ने खोल दिए नगर निगम और प्रदेश सरकार के विकास की पोल-राजधानी की सड़कें बनी स्वमिंग पूल-सड़को पर दोनों तरफ है नालिया फिर भी नही पास हो रहा पानी। पहले सरकार को इसके लिए इन्वेस्ट करवाना चाहिए-ताकि ना घुसे लोगों के घरों में पानी-राजधानी के साथ साथ प्रदेश की स्थिति हुई जर्जर-नगर निगम के वादे शक के घेरे में –
सावन का पहला सोमवार सुबह से ही बारिश का कहर बरपा. कुछ घंटों की मुसलाधार बारिश से न केवल सड़कों और लोगों के घरों में पानी भर गया. बल्कि सड़कें जाम हो गयी और लोगों का जीवन कुछ ही घंटों में अस्त व्यस्त हो गया, आज मानसून की मार का दिन है, राजधानी लखनऊ का नजारा तो कुछ ऐसा ही बयान करता है, सोमवार सुबह से ही राजधानी में लगातार तेज बारिश हो रही है, मुसलाधार बारिश के कारण लखनऊ के कई इलाकों और घरों में पानी भर गया है. इससे न तो लखनऊ के भीड़भाड़ वाले इलाके बचे और न ही पोश इलाके. सभी जगह भारी जल भराव देखा गया, लखनऊ के वजीरगंज, गोलागंज, कश्मीरी मोहल्ला सहित पुराने लखनऊ के कई इलाकों में पानी भर गया. जवाहर नगर में तेज बारिश से जल भराव हो गया. जिससे लोगो को काफी परेशानी हो रही है. वही स्थानीय लोगो ने रोड जाम कर दी। शहर की सड़के नदियों में तब्दील हो गई है तो वहीं गांवों में तो बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती दिख रही है।
बारिश के चलते इंदिरानगर सहित कई इलाकों की बिजली भी ठप हो गयी, सडकों पर भी पानी भरने के कारण दो पहिया वाहन और रिक्शा डूबती हालत तक पहुँच गये हैं, सड़कें तालाब बन चुकी हैं, वहीं ज्यादा बारिश के चलते सडकें धस भी गयी, जिसकी वजह से लोगों को पता ही नहीं चल रहा और गाडिय़ाँ फंस गयी, चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर जल भराव से स्टेशन पर हजारो यात्री फसे। यात्रीयों को बाहर निकलने के बड़ी परेशानी का सामना करता पड़ा।
एक दिन की भारी बारिश ने नगर निगम के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलकर रख दी जगह-जगह जलभराव के चलते लोग आज अपने घरों से नहीं निकल पाये। सड़कों पर जलभराव का पानी लोगों के घरों में घुस गया। यदि समय रहते नगर निगम प्रशासन पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करता तो आज लखनऊ वासियों को इतनी विषम परिस्थितियों का सामना न करना पड़ता इसके लिए पूरी तरह नगर आयुक्त एवं महापौर जिम्मेदार हैं। बार-बार नगर निगम प्रशासन को चेताये जाने के बावजूद भी नगर निगम के अधिकारियों ने नालियों एवं नालों की सफाई पर ध्यान नहीं दिया जिसके कारण वह सब चोक पड़े हुए हैं जिसके चलते पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है और गंदा पानी सड़कों पर भरा हुआ है। राजधानी के लगभग 90 प्रतिशत वार्ड पानी से डूबे हुए हैं। आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जल भराव के चलते पेयजल भी दूषित हो रहा है। इससे गंभीर बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। जिस तरह से 15 दिन से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की सेवा में नगर निगम के सफाई कर्मचारी सहित पूरा अमला जुटा हुआ था यदि शहर की सफाई की तरफ ध्यान दिया गया होता तो आज लखनऊ वासियों केा इन दुश्वारियों का सामना न करना पड़ता।