1. दिसम्बर 1980 में मुंबई में हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रथम महाधिवेशन में अध्यक्षता करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी तथा प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी मुंबई के अध्यक्ष राम नाईक।
2. मंबई के महाधिवेशन स्थल से सार्वजनिक सभा की ओर निकली 5 किलोमीटर लम्बी शोभा यात्रा में अटल जी, राम नाईक और अटल जी के अभिन्न सहयोगी शिव कुमार।
3. शिवाजी पार्क में आयोजित सार्वजनिक सभा में महाधिवेशन को सम्बोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी साथ में (बाएं से) जगन्नाथराव जोशी, सुंदर सिंह भण्डारी, लालकृष्ण आडवाणी, सिकन्दर बख्त, राम नाईक तथा राम जेठमलानी। इसी सभा के समापन के अवसर पर अटल जी ने विश्वास व्यक्त किया था, ‘अंधेरा छटेगा, सूरज उगेगा और कमल खिलेगा।’
4. भारतीय जनता पार्टी के कार्य के लिये अटल बिहारी वाजपेयी को मुंबई से एकत्र रूपये एक करोड़ की थैली भेंट की। छायाचित्र में बाएं से वेद प्रकाश गोयल, डाॅ0 वसंत कुमार पंडित, राम नाईक और राम जेठमलानी।
5. 1994 में राम नाईक कैंसर से पीड़ित हुए तब उनके निवास पर मिलने के लिये आये अटल जी। साथ में राम नाईक की पत्नी श्रीमती कुंदा नाईक, पुत्रियां विशाखा और डाॅ0 निशिगंधा।
6. ‘पुनश्च हरि ओम्’। कैंसर रोग पर विजय पाने के बाद फिर से सक्रिय हुए राम नाईक के कार्यवृत्त का प्रकाशन करते हुए अटल जी। (दाएं से) विद्याधर गोखले, राम नाईक की पत्नी श्रीमती कुंदा नाईक, गोपीनाथ मुण्डे, माधव मराठे और अन्य।
7. कार्यवृत्त प्रकाशन समारोह में राम नाईक का सम्मान करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी।
8. देश के समुद्र तटीय राज्यों महाराष्ट्र, गोवा और केरल को जोड़ने वाले कोंकण रेलवे को 1 मई 1998 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में राष्ट्रार्पण करते समय (बाएं से) राम नाईक, सुषमा स्वराज, जार्ज फर्नाडीज, पी0सी0 अलेक्जेंडर, अटल बिहारी वाजपेयी, नीतिश कुमार, मनोहर जोशी।
9. कारगिल युद्ध के समय देश को सहायता के लिए अपने पति के निधन के बाद सुहाग के आभूषण श्रीमती पई द्वारा अर्पण किए गए। श्रीमती पई द्वारा अर्पित आभूषण को अटल बिहारी वाजपेयी को सौपते हुए राम नाईक एवं किरीट सोमैया।
10. उत्तर प्रदेश के लोनी (गाजियाबाद) क्षेत्र में विश्व की सबसे लम्बी 1,270 किलोमीटर तथा रूपये 1,230 करोड़ निवेश से निर्मित गेल की एलपीजी गैस लाईन के उद्घाटन 9 मई 2001 के अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी, राजनाथ सिंह, राम नाईक, विष्णुकांत शास्त्री, संतोष गंगवार एवं कलराज मिश्र।
11. एलपीजी गैस पाईप लाईन के उद्घाटन अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए राजनाथ सिंह, राम नाईक, विष्णुकांत शास्त्री एवं संतोष गंगवार।

संस्मरणात्मक श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की स्मृतियो में बसे ‘अटल’
लखनऊः राष्ट्रवाद के प्रणेता, सुशासन के संवाहक पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का निधन देशवासियों को किसी अपने को खोने का एहसास कराता है। अटल जी जन-जन के नेता थे जिन्होंने अपने कुशल नेतृत्व से न केवल देश के विकास को गति दी बल्कि विश्व पटल पर तेजी से उभरती हुई नई शक्ति के रूप में भी स्थापित किया। 1959 में भारतीय जनसंघ मुंबई में स्थानीय कार्यकर्ता के रूप में राजनैतिक जीवन प्रारम्भ करने वाले राम नाईक को 1962 में अटल जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। अपने व्यक्तिगत एवं राजनैतिक जीवन में अटल जी के साथ 56 वर्ष जुड़े रहकर विभिन्न आयामों में कार्य करने वाले उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने कुछ चित्रात्मक संस्मरण साझा किए।