स्वप्निल संसार- पण्डित रविशंकर शुक्ल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के प्रसिद्ध नेता व स्वतंत्रता सेनानी थे। आप 1 नवम्बर, 1956 को अस्तित्व में आये नये राज्य मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री नियुक्त हुए थे। पण्डित रविशंकर शुक्ल को “नये मध्य प्रदेश के पुरोधा” के रूप में स्मरण किया जाता है।
पंडित रविशंकर शुक्ल का जन्म 2 अगस्त, 1877 में सागर शहर में हुआ था। इनके पिता पंडित जगन्नाथ शुक्ल और माता श्रीमती तुलसी देवी थीं। रविशंकर शुक्ल की पढाई की शुरुआत सागर स्थित ‘सुन्दरलाल पाठशाला’ से हुई । पंडित रविशंकर की माध्यमिक शिक्षा पूर्ण होने के बाद इनके पिता राजनांदगाँव चले गये और अपने भाई पंडित गजाधर शुक्ल के साथ ‘बेंगाल नागपुर कॉटन मिल’ में सहभागी हो गए। कुछ साल मिल चलाने के बाद वे रायपुर चले गये। इस दौरान पंडित रविशंकर शुक्ल ने अपनी स्कुली शिक्षा रायपुर से पूरी की।
पंडित रविशंकर शुक्ल ने इंटर की परीक्षा जबलपुर के ‘रॉबर्टसन कॉलेज’ से पास की और फिर स्नातक की पढ़ाई नागपुर के ‘हिसलोप कॉलेज’ से पास की। नागपुर में पढ़ते हुए ‘राष्ट्रीय आंदोलन’ के निकट आये। 1898 में संपन्न हुए कांग्रेस के 13वें अधिवेशन में भाग लेने अपने अध्यापक के साथ अमरावती गये थे। नागपुर से इन्होंने एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की।
शिक्षा पूर्ण करने के बाद रविशंकर शुक्ल सरायपाली आ गये और सूखा राहत कार्य का निरीक्षण कार्य करने लगे। इनकी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के लिये रविशंकर शुक्ल को पदोन्नत कर नायाब तहसीलदार बना दिया गया।1901 में इन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ कर जबलपुर के ‘हितकारिणी स्कूल’ में अध्यापन कार्य शुरु किया।
पंडित रविशंकर शुक्ल ने 1906 से रायपुर में वकालत प्रारंभ की। वे स्वतंत्रता आन्दोलनों में भी भाग लेते रहे। 1926 से 1937 तक आप ‘रायपुर ज़िला बोर्ड’ के सदस्य रहे। 1936 में प्रांतीय धारा सभा के चुनाव में शुक्ल जी विजयी हुए और डॉ. खरे द्वारा त्यागपत्र देने के बाद अगस्त, 1938 से 10 नवम्बर, 1939 तक मुख्यमंत्री रहे। 1952 में प्रथम आम चुनावों के बाद आप पुन: मुख्यमंत्री बने। रविशंकर शुक्ल जी राज्य पुर्नगठन के पश्चात् गठित नए मध्य प्रदेश के सर्वसम्मति से प्रथम मुख्यमंत्री बनाए गए। पण्डित रविशंकर शुक्ल का निधन 31 दिसम्बर, 1956 को दिल्ली में हुआ।एजेन्सी।