राष्ट्रगान को जन-जन तक पहुॅचाने और सांस्कृतिक बहुलता को मजबूत करने मे मौलाना आजाद का योगदान
लखनऊ। स्वप्निल संसार। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की साठवी पुण्य तिथि के अवसर पर मौलाना आजाद मेमोरियल एकादमी द्वारा संगोष्ठी शीर्षक मौलाना आजाद और सांस्कृतिक बहुलतावाद विषय पर यू0पी0 प्रेस क्लब मे आयोजनं किया गया। संगोष्ठी मे मुख्य अतिथि राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के सचिव सतेन्द्र सिंह थे। प्रमुख वक्ता जामियाॅ मिलिया विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर रिजवान कैसर ने कहा कि मौलाना आजाद स्वाधीन्ता प्राप्ति के बाद जिन समस्याओं पर तुरन्त ध्यान देने कि आवश्यकता पर जोर दिया उनमे सांस्कृतिक गतिविधीयांे का आधुनिकरण किया जाये जो कि अंग्रेजो के समय में ललित, कला, नृत्य, नाटक, संगीत, साहित्य, को वो संरक्षण व प्रोत्साहन नही मिला जो उसको मिलना चाहिये था। उनका मानना था कि वह साहित्य एकादमी के द्वारा भारतीय भाषाओं , साहित्य, दर्शन, इतिहास को विकसित करेंगे। कला एकादमी के द्वारा ग्राफिक्स, प्लास्टिक, स्लाइट कला, और वास्तुकला कोे विकसित कर और तीसरी संगीत अकादमी के ज़रिये नृत्य, नाटक और संगीत का विकाश होगा। उन्होने ने कहा की लगभग हज़ार वर्षो से हिन्दू और मुस्लिम के संयुक्त चेष्टाओं से संगीत नाट्य और कला में उत्कर्ष बिन्दू पर पहूॅचा दिया। उन्होने ने कहा मौलाना आजाद ने ही राष्ट्रीय गान को जन-जन तक पहुॅचाने के लिए संगीत धुन, बनाये जाने पर जा़ेर देते हुए ग्रामों फोन के रिकार्ड तैयार कराये ताकि देश का हर बच्चा और हर नागरिक कंठयुक्त कर ले। उन्होने ने कहा के मौलाना सांस्कृतिक एकता के ज़रिये देश को उच्च शिखर पर ले जाना चाहते थे। मुख्य अतिथि सतेन्द्र सिंह ने मौलाना को श्रधांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मौलाना का प्रयास था कि हिन्दुस्तान एक गुल्दस्ते के समान है। जिसमें भिन्न-भिन्न तरह के फूल है। यही भारत की अनेकता मे एकता की बेहतरीन मिसाल है। उन्होने कहा कि हमारे देश के ये महान् नेता लाइट हाॅउस की तरह है हमें चाहिये कि हम उनकी रोंशनी से अपने जीवन को उत्कृष बनाये। प्रतुल जोशी ने संास्कृतिक चर्चा को आगे बढातें हुए कहा कि उत्तर प्रदेश मे अनेक सांस्कृतिक परांम्पराएंे जिनको मौका नही मिल पाता उन्हे सामने लाने कि आवश्यकता है। सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा ने कहा कि देश हित में हमें एक रहकर इसको मजबूत और शक्तिशाली उसी वक्त बना सकते है जब हम सभी लोग एकता और भाईचारे का जो सबक हमारे बुजूर्गों ने पढाया था। उसको याद रखें इरफान अहमद ने मौलाना के पूर्वजों की सेवाओं पर एक लेख पढ़ा। मौलाना मुस्ताक नदवी ने इस तरह के कार्यक्रमों को स्कूलो और कालेजों मे कराने पर जोर दिया। कार्यक्रम में शहर के गणमान लोगों की भारी उपस्थिति थी सभा का संचालन महा सचिव ए0क्यू0 हाशमी ने धन्यवाद दिया।
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श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
लखनऊ। स्वप्निल संसार। स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी योद्धा तथा भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री भारत रत्न डॉ0 अबुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि के मौके पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस के संरक्षक एवं पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ0 अबुल कलाम आजाद के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। श्रद्धांजलि सभा का संचालन ब्रजेन्द्र सिंह ने किया।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने बताया कि श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी ने डॉ0 कलाम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहाकि डॉ0 अबुल कलाम आजाद ने भारत को शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों एवं तकनीकी विश्वविद्यालयों की स्थापना करके ऐतिहासिक योगदान दिया है। उन्होने सम्पूर्ण भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों का जाल फैलाया जिससे हमारे देश के युवा आज सम्पूर्ण विश्व में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होने कहा कि डॉ0 अबुल कलाम आजाद कौमी इकजहती के अलम्बरदार थे। उनका मानना था कि सभी लोग एक जुटकर देश को विकास के मार्ग पर आगे ले जा सकते हैं।
श्री अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर पूर्व मंत्री डॉ0 अम्मार रिजवी, पूर्व मंत्री राजबहादुर, पूर्व विधायक सतीश अजमानी एवं श्यामकिशोर शुक्ला, पूर्व आईएएस अनीस अंसारी, अरशी रजा आदि वरिष्ठ नेताओं ने डॉ0 कलाम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ0 लालती देवी, अवधेश सिंह,मनोज तिवारी, मो0 नासिर, सलमान कादिर,मेहदी हसन आदि तमाम कांग्रेसजन मौजूद रहे।