गिरिजा देवी सेनिया और बनारस घरानों की प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका थीं। वे शास्त्रीय और उप-शास्त्रीय संगीत का गायन करतीं थीं। ठुमरी गायन को परिष्कृत करने तथा इसे लोकप्रिय बनाने में इनका बहुत... Read more
सुर मुनि को परनायकरि, सुगम करौ संगीत। तानसेन वाणी सरस जान गान की प्रीत। तानसेन या मियां तानसेन या रामतनु पाण्डेय (तन्ना उर्फ तनसुख उर्फ त्रिलोचन) का जन्म हिन्दू परिवार में श्री मकरंद पांडे क... Read more
स्मृति शेष। किशन महाराज विख्यात तबला वादक थे। किशन महाराज का जन्म काशी के कबीरचौरा मुहल्ले में 3 सितम्बर 1923 में पारंपरिक रूप से संगीतज्ञ के परिवार में हुआ। कृष्ण जन्माष्टमी पर आधी रात को ज... Read more
स्मृति शेष -अल्ला रक्खा ख़ाँ भारत के सर्वश्रेष्ठ एकल और संगीत वादक थे। इनका पूरा नाम पूरा नाम क़ुरैशी अल्ला रक्खा ख़ाँ है। अल्ला रक्खा ख़ाँ अपने को पंजाब घराने का मानते थे। अल्ला रक्खा ख़ाँ... Read more
जयन्ती पर विशेष- उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ की गणना भारत के महानतम गायकों व संगीतज्ञों में की जाती है। वे विलक्षण मधुर स्वर के स्वामी थे। इनके गायन को सुनकर श्रोता अपनी सुध-बुध खोकर कुछ समय के... Read more
“बांसुरी के जादूगर” नयी बांसुरी के जन्मदाता और भारतीय शास्त्रीय संगीत के युगपुरुष पन्नालाल घोष प्रसिद्ध बाँसुरी वादक , जिन्होंने लोक वाद्य बाँसुरी को शास्त्रीय के रंग में ढालकर श... Read more
स्मृति शेष – हिंदुस्तानी शास्त्रीय परंपरा की प्रमुख गायिकाओं में जयपुर घराने की अग्रणी गायिका थीं। हिंदुस्तानी संगीत में गायिकाएँ तो एक से एक हुई लेकिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष । पंडित रवीन्द्र शंकर चौधरी, विश्व में सितार वादक के रूप में उन्होंने ख्याति अर्जित की। रवि शंकर और सितार मानो एक-दूसरे के लिए ही बने हों। वह इस सदी के सबसे महान् संगीतज... Read more
जयंती पर विशेष- हिंदुस्तानी शास्त्रीय परंपरा की प्रमुख गायिकाओं में जयपुर घराने की अग्रणी गायिका थीं। हिंदुस्तानी संगीत में गायिकाएँ तो एक से एक हुई लेकिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्त... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष- उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ की गणना भारत के महानतम गायकों व संगीतज्ञों में की जाती है। वे विलक्षण मधुर स्वर के स्वामी थे। इनके गायन को सुनकर श्रोता अपनी सुध-बुध खोकर कुछ सम... Read more