18वीं सदी के उत्तराद्रर्ध तक तोता-मैना व शीत-बसंत जैसे कथानकों को अपदस्थ कर बाबू देवकीनंदन खत्री के हंगामी तिलस्मी उपन्यास हिंदी के पाठकों का एक बड़ा वर्ग तैयार कर चुके थे। बात साफ थी कि चं... Read more
जोगेंद्र नाथ मंडल पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री थे। वे राष्ट्रमंडल और कश्मीर मामलों के दूसरे मंत्री भी थे। अनुसूचित जातियों के नेता के रूप में, योगेन्द्रनाथ ने मुस्लिम लीग के पाकिस्तान क... Read more
वीरांगना महारानी दुर्गावती (5 अक्टूबर, 1524 – 24 जून, 1564) कालिंजर के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की एकमात्र संतान थीं। महोबा के राठ गांव में 1524 की दुर्गाष्टमी पर जन्म के कारण उनका नाम दुर्गाव... Read more
1940:- डिक और मेक दो भाईयों ने केलिफोर्निया के एक शहर सेनबेर्नार्डिनो के बाजार में 14वीं गली में रेस्टोरेट की शुरूआत की। चूंकि यह स्वाद का सौदा था अत: लोगों को पसंद आया और काम चल पड़ा। 1948... Read more
स्वप्निल संसार। लखनऊ को कई लोगों ने अपनाया। लखनऊ का भी नाम रौशन हुआ। लखनऊ को कर्म भूमि बनाने वाले थे भगवतीचरण वर्मा जो हिन्दी जगत के प्रमुख साहित्यकार थे । इन्होंने लेखन तथा पत्रकारिता के क... Read more