भारत में पुरुषों के साथ आर्य ललनाओं ने भी देश, राज्य और धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर अपने प्राणों की बाजी लगाई है। गोंडवाने की रानी दुर्गावती और झाँसी की रानी वीरांगना लक... Read more
लेफ्टिनेंट-कर्नल जेम्स टॉड ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अधिकारी तथा भारतविद थे। इंग्लेंड निवासी जेम्स टाॅड 1817-18 में पश्चिमी राजपूत राज्यों के पाॅलिटिकल एजेंट बन कर उदयपुर आए। इन्होंने... Read more
स्मृति शेष। योगेश गौड़ जिन्हें केवल योगेश नाम से जाना जाता था। विशेष रूप से उन्हें आनंद (1971) के “कहीं दूर जब दीन ढल जाय” और “जिंदगी कैसी है पहेली” गीतों के लिए सब... Read more
सर जॉन ह्यूबर्ट मार्शल सीआईई एफबीए पुरातत्वविद् थे जो 1902 से 1928 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक थे। उन्होंने खुदाई का निरीक्षण किया हड़प्पा और मोहनजोदड़ो , सिंधु घाटी सभ्यता के... Read more
स्मृति शेष। निर्माता-निर्देशक मोहन सहगल ने अपनी फिल्म ‘सावन भादो’ के जरिये दो नए कलाकारों को अवसर दिया। अभिनेत्री रेखा कुछ साउथ की फिल्म कर चुकी थीं और हिंदी फिल्मों में पदार्पण कर रही थी। उ... Read more
केदारनाथ सिंह , हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था।... Read more
मुबारक साल गिरह –तनुश्री का जन्म 19 मार्च 1984 को जमशेदपुर में बंगाली परिवार में हुआ था. उन्होंने वहीं से अपनी स्कूली पढ़ाई की.उन्होंने बी.कॉम में एडमिशन लिया लेकिन मॉडलिंग में करियर... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष जीवतराम भगवानदास कृपलानी स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से उनका निकट सम्पर्क था। वे गुजरात विद्यापीठ के प्राचार्य भी रहे थे, तभी से उन्हें... Read more
राजकुमारी दुबे जिन्हें इनके पहले नाम “राजकुमारी” के नाम से ज्यादा बेहतर जाना जाता है, एक भारतीय पार्श्व गायिका थी, जो कई हिन्दी फिल्मों में 1930 से 1940 के दशक तक काम की थी। इन्ह... Read more
Hitler once said “If someone says that he is not afraid of dying he is either a Gorkha or he is lying. The phrase itself is an identity of the Gurkhas. The Gorkhas are the ones who a... Read more