स्मृति शेष। शमशाद बेगम हिन्दी फिल्मों की शुरुआती पार्श्वगायिकाओं में थीं। हिन्दी सिनेमा के प्रारम्भिक दौर में उनकी खनखती और सुरीली आवाज ने बड़ी संख्या में उनके प्रशसकों की भीड़ तैयार कर दी थ... Read more
शकील बदायूँनी महान शायर और गीतकार थे। बदायूँ में 3 अगस्त 1916 को जन्मे शकील अहमद उर्फ शकील बदायूँनी का लालन पालन और शिक्षा नवाबों के शहर लखनऊ में हुई। लखनऊ ने उन्हें शायर के रूप में शकील अ... Read more
स्मृति शेष। एहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है,हिन्दी फिल्मों में जब भी टाइटल गीतों का जिक्र होता है गीतकार हसरत जयपुरी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वै... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष-। शमशाद बेगम हिन्दी फिल्मों की शुरुआती पार्श्वगायिकाओं में थीं। हिन्दी सिनेमा के प्रारम्भिक दौर में उनकी खनखती और सुरीली आवाज ने बड़ी संख्या में उनके प्रशसकों की भीड़ तैय... Read more
स्मृति शेष। –शादियों में दो फिल्मी गीत अनिवार्य रूप से बजते है। विदाई के समय मोहम्मद रफी का गाया गीत ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ और बारात के समय मोहम्मद रफी का ही गया गीत... Read more
नाज़िया हसन ने महज 15 साल की उम्र में बॉलीवुड का ब्लॉकबस्टर गाना ‘आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए’ गाकर रिकॉर्ड बना दिया। कुर्बानी (1980) फिल्म के इस गाने के लिए उन्हें बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिं... Read more
भारतीय सिनेमा के इतिहास में आनंद बख्शी साहब का नाम गीतकार के रूप में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा हुआ है। उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने हिंदी फिल्मों को दिए हैं। उस जमाने के मशहूर संगीतकार लक्ष्... Read more
स्मृति शेष। एस.एन.त्रिपाठी का जन्म 14 मार्च 1913 को वाराणसी में हुआ था। एस. एन. त्रिपाठी ने मशहूर महिला संगीतकार सरस्वती देवी के सहायक के रूप में भी य काम किया था। एस. एन. त्रिपाठी ही थे ज... Read more
मुबारक साल गिरह। अलका याज्ञिक पार्श्वगायिका हैं। वे हिंदी सिनेमा में तीन दशकों तक अपनी गायकी के लिए विख्यात हैं। हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका... Read more
स्मृति शेष। योगेश गौड़ जिन्हें केवल योगेश नाम से जाना जाता था। विशेष रूप से उन्हें आनंद (1971) के “कहीं दूर जब दीन ढल जाय” और “जिंदगी कैसी है पहेली” गीतों के लिए सब... Read more