बिजनोर के सहसपुर में नाइया के इंस्पेक्टर और पत्नी को मारी गोली।इंस्पेक्टर तनज़ील अहमद की मोके पर मौत । पत्नी की हालत गंभीर नोएडा एल रेफर कर दिया गया है।ज़ो कैलास हॉस्पिटल नॉएडा में एडमिट पत्नी।यह मामला बिजनोर के थाना स्योहारा का है| सुचना मिलते ही डीईजी घटना स्थल पर पहुंचे। सहसपुर (बिजनौर) के रहने वाले है तनज़ील अहमद देर रात वेंकट हाल में अपने भांजी की शादी में शिरकत कर वापस लौट रहे थे| तभी दो बाइक सवार अज्ञात बदमाशो ने ताबड़तोड़ गोलिया चलाई। घायलो को मुरादाबाद के कॉसमॉस हॉस्पिटल ले जाया गया। तब तक तनज़ील अहमद की मौत हो चुकी थी। पत्नी की हालत को गंभीर देखते हुए नॉएडा के कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
राष्ट्रीय जांच ऐजेन्सी के डिप्टी एस पी मौ तन्ज़ील की अज्ञात हमलावरों द्वारा उस समय ताबड़तोड़ गोलिया मारकर हत्या कर दी गयी जब वह स्योहारा स्थित बन्धन बैंकट हाल में एक शादी में शिरकत कर अपनी पत्नि व बच्चों के साथ वैगर आर कार में वापस लौट रहे थे। सहसपुर के मौहल्ला हकीमपुरा निवासी 45 वर्षीय मौ तंज़ील अपनी पत्नि फरज़ाना व दो बच्चों के साथ अपने पैत्रक गांव सहसपुर में अपनी भांजी की शादी में शिरकत करने के लिये आये थे। थानाध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने बताया कि रविवार की सुबह लगभग डेढ़ बजे जब वह अपने पत्नि और बच्चों के साथ सहसपुर की ओर रवाना हुए तो पुलिया के समीप अज्ञात बाईक सवारों ने उन पर व उनकी पत्नि पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। मौ तंज़ील को आठ गोलियां लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गयी जबकि उनकी पत्नि फरज़ाना को दो गोलियां लगी। उनके दोनो बच्चे सुरक्षित हैं बताया जा रहा है कि हमले के वक्त उन्होने बच्चों से नीचे छुप जाने को कहा था। तंज़ील के भाई रागिब अहमद का कहना है कि हमलावरों ने करीब 20 से ज़्यादा राउंड फायर किये थे। उनकी पत्नि को दिल्ली स्थित हास्पिटल में भर्ती कराया गया है जंहा उनकी हालत नाजु़क बनी हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उनपर 9 एमएम की पिस्टल से गोली मारी गयी है। मौ तंज़ील पठानकोट हमले की जाँच से जुडे़ थे और करीब 5 साल से राष्ट्रीय जांच ऐजेन्सी के लिये काम कर रहे थे उससे पहले वह बीएसएफ से एनआईए में डेपुटेशन पर आये थे। उर्दू का अच्छा ज्ञान होने के कारण पठानकोट हमले की जांच में उनकी सेवायें ली गयी थी, लेकिन वे पठानकोट मामले में एनआईए की जांच टीम का हिस्सा नहीं थे। मौ तन्ज़ील अहमद एनआईए के आप्रेशन की कोर टीम का हिस्सा थे। वह सभी बडे़ आतंकवादी वारदातों की जांच में शामिल रहे हैं जिसमें पठानकोट के अलावा भारत में आई एस आतंकी संगठन के माडयूल की जांच, पश्चिमी बंगाल के वर्धमान मेें हुए आतंकी हमले की जांच और आतंकियो के लिये जाली नोटो की जांच से. भी जुड़े थे|