एजेंसी।नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि राष्ट्रीय जनता दल के विवादास्पद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार की जेल से तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया जाए ताकि उनके खिलाफ दर्ज मामले में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र सुनवाई सुनिश्चित हो सके।न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने कहा,स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित कराना न्यायालय का दायित्व एवं कर्तव्य है।उच्चतम न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह शहाबुद्दीन को एक सप्ताह के भीतर तिहाड़ जेल में स्थानांतरित किया जाये।शहाबुद्दीन के विरुद्ध दर्ज मामलों में सुनवाई तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी।राजद नेता को सीवान जेल से स्थानांतरित करने के लिए सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद और आशा रंजन ने याचिकाएं दायर की थीं।प्रसाद के तीन पुत्र दो अलग अलग घटनाओं में मारे गए थे और आशा के पति राजदेव रंजन की सीवान में हत्या हो गई थी। याचिकाकतार्ओं ने शहाबुद्दीन के खिलाफ लंबित मामलों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिए न्यायालय से अनुरोध किया था कि शहाबुद्दीन को सीवान जेल से बिहार राज्य के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।इससे पहले बिहार सरकार ने न्यायालय को अवगत कराया था कि वह शहाबुद्दीन को सीवान जेल से तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने के खिलाफ नहीं है।राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि शहाबुद्दीन झारखण्ड में एक मामले समेत 45 मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।इससे पहले बिहार के सीवान जिले की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को जेल से फोटो वायरल होने के मामले में 7 फरवरी को जमानत दे दी थी।