स्वप्निल संसार। लखनऊ को कई लोगों ने अपनाया। लखनऊ का भी नाम रौशन हुआ। लखनऊ को कर्म भूमि बनाने वाले थे भगवतीचरण वर्मा जो हिन्दी जगत के प्रमुख साहित्यकार थे । इन्होंने लेखन तथा पत्रकारिता के क... Read more
जयंती पर विशेष । आज सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता राजा राम मोहन राय की जयंती है। राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। भारतीय सामाजिक और धार्... Read more
कुछ याद रहा भूल गए सितंबर, 1979-30 अप्रैल 2021 Read more
जयंती पर विशेष सूडान में एक कुपोषित बच्ची के मरने के इंतज़ार में उसके पास बैठा एक गिद्ध! इस फोटो को पूरी दुनिया में कितने अखबारों और समस्त सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर न जाने कितनी बार लाखों, क... Read more
#रामवृक्षबेनीपुरी ( 9 सितम्बर, 1968) प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार और नाटककार थे। ये एक महान विचारक, चिन्तक, मनन करने वाले क्रान्तिकारी, साहित्यकार, पत्रकार और संपादक के रूप में भी... Read more
स्मृति शेष । एजेन्सी। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम ‘हरिश्चन्द्र’ था, ‘भारतेन्द... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष -एजेंसी – गौरी लंकेश कन्नड़ की क्रांतिकारी पत्रकार थीं। वे बंगलौर से प्रकाशित कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका लंकेश में संपादिका के रूप में कार्यरत थीं। पिता पी. लंकेश क... Read more
शरद जोशी अपने समय के अनूठे व्यंग्य रचनाकार थे। अपने वक्त की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विसंगतियों को उन्होंने अत्यंत पैनी निगाह से देखा। अपनी पैनी कलम से बड़ी साफगोई के साथ उन्हें सटीक... Read more
तिथि पर विशेष- स्वप्निल संसार। वे साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ के प्रधान संपादक भी रहे। डॉ. धर्मवीर भारती को 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास ‘गुनाहों का देवता’ हिन्दी सा... Read more
स्वप्निल संसार। लखनऊ को कई लोगों ने अपनाया। लखनऊ का भी नाम रौशन हुआ। लखनऊ को कर्म भूमि बनाने वाले थे भगवतीचरण वर्मा जो हिन्दी जगत के प्रमुख साहित्यकार थे । इन्होंने लेखन तथा पत्रकारिता के क... Read more