कमल जगाती। नैनीताल । उत्तराखण्ड पुलिस के जवान ने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते संघ लोक सेवा आयोग कि प्रतिष्ठित परीक्षा की अंतिम सीढ़ी तक अपनी जगह बनाई है। नैनीताल राजभवन के एक छोटे से 8×8 फ़ीट के गॉर्ड रूम में रहकर दीपक ने देश की सबसे कठिन परीक्षा में दो बाधाऐं पार कर ली थीं लेकिन अंतिम सीढ़ी में दीपक सफलता हासिल न कर सके ।
मूल रूप से अल्मोड़ा में खेती के रहने वाले 23 वर्षीय दीपक उप्रेती इन दिनों नैनीताल पुलिस में डी.सी.आर.बी.में जवान की पोस्ट में तैनात हैं । दीपक ने बिना किसी अतिरिक्त क्लासिस के आई.ए.एस.की प्री और मेन्स पास की है। हालाँकि दीपक अंतिम सीढ़ी पार करने में असमर्थ रहा, लेकिन उसके हौसले और जज्बे से साफ़ उसकी आने वाली सफलता को देखा जा सकता है । दीपक उप्रेती के पिता बसंत बल्लभ उप्रेती भी पुलिस से स्वास्थ्य खराब होने के कारण वी.आर.एस.लेकर घर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं । पिथौरागढ़ के महर्षि विध्या मंदिर से इंटर की परीक्षाएं उत्तीर्ण करने के बाद दीपक ने घर की माली हालत नाजुक होने के कारण पुलिस ज्वाइन कर ली । उन्होंने पुलिस की नौकरी करते हुए ही नैनीताल के डी.एस.बी.परिसर से बी.ए. की परीक्षाएं सन् 2012 में उत्तीर्ण की थी । उन्होंने एक विशवास के साथ कहा है कि वो इस परीक्षा को अगले वर्ष जरूर पास कर लेंगे । दीपक अभी अविवाहित है और वो अपना पूरा फोकस इसी कि तैयारी में सबसे ज्यादा लगाना चाहते हैं । कमजोर आर्थिक परिवार से आए दीपक का मानना है कि पुलिस में केवल नियमों का पालन कराया जा सकता है जबकि आई.ए.एस.के बाद जिलाधिकारी बनकर वो आमजन के लिए नई स्कीम चला सकते हैं । वे गरीबों और जनता के दुखों का निवारण कर क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं । आगे की परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी के बारे में दीपक ने बताया कि आजकल उनकी तैयारी कुछ कम चल रही है लेकिन वैसे वो 8 से 10 घण्टे की कड़ी मेहनत करते हैं । बीती 9 मार्च को दीपक ने दिल्ली के धौलपुर हाउस स्थित केंद्रीय लोक सेवा आयोग में अपना असफल इंटरव्यू सवेरे 10 बजे और दोपहर 12 बजे दिया था जिसका बीते रोज परिणाम आ गया है । अब दीपक एक बार फिर अपने मकसद के लिए जीतोड़ मेहनत के साथ जुट गया है।
हम सभी को दीपक के सफल होने की प्रार्थना करनी चाहिए और अपने अनुजों को इसी तरह मेहनत करके सूबे की खोई छवि वापस लाने कि सीख देनी चाहिए।