स्वप्निल संसार मुरादाबाद। मुरादाबाद में मेयर पद के उपचुनाव के लियें होने वाले मतदान के दिन अपने घरो से बाहर न आकर मतदाताओं ने 2017 में विधानसभा चुनाव की तय्यारी कर रही कई मुख्य पार्टी के नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है। मंगलवार सुबहा 8 बजे से होने वाले मतदान को लेकर उम्मीदवारों को आशा थी के एक जन सैलाब मतदान करने बूथ पर आएगा और भारी मतदान होगा। लेकिन 8 बजे शुरू हुआ मतदान 10 बजे तक मात्र 8% हुआ। 10 बजे से 1 बजे तक 17% के आस पास मतदान हुआ। 1 बजे से 4 बजे तक मात्र 21% मतदान हुआ। 4 बजे से कुछ उम्मीद थी कि 5 बजे तक मतदान का प्रतिशत बड़ जायेगा, लेकिन जब शाम 5 बजे तक हुए मतदान के आधिकारिक रिपोर्ट आई तो सभी उम्मीदवारों की बोलती बंद हो गई है। कुल : 31 % प्रतिशत मतदान शाम 5 बजे तक 687 केंद्र पर हुआ मतदान।
मेयर पद के उपचुनाव के लियें सपा से राजकुमारी प्रजापति।बीजेपी से विनोद अग्रवाल।कोंग्रेस से आनंद मोहन गुप्ता। सपा से निष्कासित व निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व महानगर अध्यक्ष कैसर अली क़ुद्दूसी। निर्दलीय उम्मीदवार शीरी गुल हैं। मंगलवार के मतदान के कम प्रतिशत ने सभी के चहरे पर पसीना ला दिया है, पहले से ही हार माने बैठे उम्मीदवार भी अब चिंता में हैं कि क्या उनकी ज़मानत भी बच पाएगी या नहीं।
गौर तलब है मुरादाबाद की पहली महिला मेयर वीना अग्रवाल का देहांत मई 2016 में हो गया था जिसके कारण यह उप चुनाव हुआ है. मुरादाबाद मेयर पद का ये उपचुनाव आने वाले 2017 विधानसभा चुनाव की कम से कम मुरादाबाद में तो दिशा तय करेगा ही। अगर सपा हार जाती है तो कल तक बड़े बड़े दावे करने वाले सपा नेता जवाब देना तो दूर, बल्कि कई दिन तक तो सामना करने से भी बचेंगें। अगर बीजेपी हारती है तो साफ़ है कि अब लोग धार्मिक आधार पर नहीं विकास के नाम पर मतदान करना चाहतें हैं। कोंग्रेस के उम्मीदवार हार गए तो इससे साफ़ है कि इतने समय बाद भी जनता के दिलो में कोंग्रेस अपनी जगह नहीं बना पाई है। अगर कैसर अली हार गये तो उन्हें एहसास हो जायेगा कि पार्टी के नाम पर और अज़ाद उम्मीदवारी में बहुत फ़र्क़ होता है।
अब ये तो 5 अगस्त को ही पता चलेगा। हाथ की पकड़ मज़बूत थी। जहाज़ कितना ऊंचा उड़ा। साईकल कितनी तेज़ चली। कमाल कितने बूथ पर खिला। वैसे ये माना जा रहा है कि जीत का फासला ज़्यादा दुरी का नहीं होगा।