अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को देश की मुख्य धारा में लाने के लिए मनाया जाता है।
जयंती पर विशेष
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद-
3 दिसम्बर, 1884, जीरादेयू,- 28 फ़रवरी, 1963, सदाकत आश्रम, पटना)देश के प्रथम राष्ट्रपति थे। राजेन्द्र प्रसाद बेहद प्रतिभाशाली और विद्वान् व्यक्ति थे। राजेन्द्र प्रसाद,देश के एकमात्र राष्ट्रपति थे जिन्होंने दो कार्यकालों तक राष्ट्रपति पद पर कार्य किया।
नंदलाल बोस
– 3 दिसम्बर, 1882-16 अप्रैल, 1966- प्रसिद्ध चित्रकार थे। नंदलाल बोस ने संविधान की मूल प्रति का डिजाइन बनाया था। इनके प्रसिद्ध चित्रों में है–‘डांडी मार्च’, ‘संथाली कन्या’, ‘सती का देह त्याग’ इत्यादि है। नंदलाल बोस ने चित्रकारों और कला अध्यापन के अतिरिक्त इन्होंने तीन पुस्तिकाएँ भी लिखीं-रूपावली, शिल्पकला और शिल्प चर्चा। ये अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के प्रख्यात शिष्य थे।
3 दिसम्बर, 1903- फ़िरोजपुर छावनी-26 दिसंबर, 1976- हिन्दी के यशस्वी कथाकार और निबन्ध लेखक हैं। यशपाल राजनीतिक तथा साहित्यिक, दोनों क्षेत्रों में क्रान्तिकारी हैं। उनके लिए राजनीति तथा साहित्य दोनों साधन हैं और एक ही लक्ष्य की पूर्ति में सहायक हैं।
रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’
-3 दिसम्बर, 1957 – 8 दिसंबर, 2015- लोकप्रिय जनकवि थे। नितिन पमनानी ने विद्रोही जी के जीवन संघर्ष पर आधारित एक वृत्त वृत्तचित्र आई एम योर पोएट हिंदी और भोजपुरी में बनाया है। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस वृत्तचित्र ने अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र का गोल्डन कौंच पुरस्कार जीता।
मुबारक साल गिरह
मिताली राज
– 3 दिसम्बर 1982 भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी और कप्तान हैं। वे टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। मिताली का मानना है कि “महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उसके लिए अच्छे स्पांसर को आगे आना चाहिए।
पुण्य तिथि पर पर विशेष
मेजर ध्यान चन्द –
29 अगस्त, 1905, इलाहाबाद- 3 दिसंबर, 1979, नई दिल्ली- हॉकी खिलाड़ी थे, जिनकी गिनती श्रेष्ठतम कालजयी खिलाड़ियों में होती है। मानना होगा कि हॉकी के खेल में ध्यान चन्द ने लोकप्रियता का जो कीर्त्तिमान स्थापित किया, उसके आसपास भी आज तक दुनिया का कोई खिलाड़ी नहीं पहुँच सका। हॉकी में ध्यानचंद सा खिलाड़ी न तो हुआ है और न होगा। वह जितने बडे़ खिलाड़ी थे उतने ही नेकदिल इंसान थे। हॉकी के इस जादूगर का असली नाम ध्यानसिंह था।
लांस नायक अल्बर्ट एक्का
– 27 दिसम्बर, 1942- 3 दिसम्बर, 1971- परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिक थे। रांची, के निवासी थे। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में दुश्मनों के दाँत खट्टे करते हुए वह शहीद हो गए। इन्हें मरणोपरान्त सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र प्रदान किया गया। वे एकमात्र बिहारी थे, जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
देवानंद – धर्मदेव आनंद
26 सितंबर, 1923, पंजाब-3 दिसम्बर, 2011, लंदन- भारतीय सिनेमा के शुरुआती दौर के प्रसिद्ध अभिनेता थे जो जीवन भर सक्रिय और चर्चित रहे। वे अभिनेता के साथ-साथ निर्माता-निर्देशक भी थे। वे बॉलीवुड में ‘देव साहब’ के नाम से एक ज़िन्दादिल और भले इंसान के रूप में प्रसिद्ध थे। भारतीय सिनेमा में दो पीढ़ियों तक लगातार हीरो बने रहने वाले कलाकार के विषय में यदि विचार करें तो केवल एक ही नाम उभरता है और वह है देव आनंद। कभी अपनी एक फ़िल्म में उन्होंने एक गीत गुनगुनाया था ‘मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फ़िक्र को धुंए में उड़ाता चला गया’ और शायद यही गीत उनके जीवन को सबसे अच्छी तरह परिभाषित भी करता है। देव आनंद का नाम हिंदी सिने जगत् के आकाश में स्टाइल गुरु बनकर जगमगाता है। एजेंसी