पाक में आतंक के सियासी मुखौटे से चिंतित ट्रम्प
पाकिस्तान में आतंकवादी जिस तरह से राजनीतिक दल बना रहे हैं, उससे आतंकवाद के सियासी मुखौटे बन जाने पर उनके खिलाफ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करना मुश्किल हो जाएगा। आतंकवादी हाफिज सईद ने राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने हाफिज की पार्टी के साथ राजनीतिक मोर्चा बनाने का संकेत भी दे दिया है। इस प्रकार पाकिस्तान की राजनीति आतंकवादियों के शिकंजे मंे फंसती जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस पर गंभीर चिंता जतायी है। इस बारे में अमेरिका क्या कार्रवाई करेगा, यह अभी साफ नहीं हुआ है लेकिन पाकिस्तान सरकार पर श्री ट्रम्प दबाव जरूर बनाएंगे।
जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के 2018 आम चुनाव में हिस्सा लेने की संभावनाओं के मद्देनजर अमेरिका काफी चिंतित है। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उक्त बात कही। जमात-उद-दावा प्रमुख और लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक पहले इसकी पुष्टि कर चुका है कि उसका संगठन जमात-उद-दावा पाकिस्तान में वर्ष 2018 में होने वाले आम चुनावों में मिल्लि मुस्लिम लीग के बैनर तले चुनाव लड़ेगा। हालांकि मिल्लि मुस्लिम लीग अभी तक निर्वाचन आयोग के तहत पंजीकृत नहीं हुआ है। विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, ‘‘नवंबर में नजरबंदी से सईद की रिहाई पर अमेरिका ने बहुत कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
सईद मुंबई हमलों का मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा का नेता है।’’उन्होंने वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा,‘‘यह ऐसा समूह है जिसे अमेरिकी सरकार आतंकवादी संगठन मानती है। हमारी पाकिस्तान सरकार के साथ कई बार बातचीत हुई है। हाल में हुई घटनाओं में यह व्यक्ति नजरंबद किया गया था। पाकिस्तान ने उसे नजरबंदी से रिहा कर दिया और अब सूचना मिल रही है कि वह किसी बड़े पद के लिए चुनाव लड़ेगा। ’’आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।
महीनों की नजरबंदी के बाद पाकिस्तान ने सईद को 24 नवंबर को रिहा कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका दोनों ने ही सईद को आतंकवादी घोषित किया हुआ है। हीथर नोर्ट का कहना है, ‘‘मैं याद दिलाना चाहती हूं कि उसे न्याय की जद में लाने लायक सूचना देने वाले को एक करोड़ डॉलर की इनाम राशि देने की योजना है। इसलिए मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं, ताकि सभी को पता हो कि इस व्यक्ति पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित है। और हां, हम उसके चुनाव लड़ने को लेकर चिंतित हैं।
जमात-उद-दावा के मुखिया और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद ने 16 दिसंबर को लाहौर में कहा था पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) का बदला लेना है तो कश्मीर से इंतकाम का रास्ता बन रहा है, निकल रहा है, चल रहा है और इंशा अल्लाह यह तहरीक जारी है। इसे बहुत आगे जाना है। जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर इनाम घोषित कर रखा है। लाहौर उच्च न्यायालय के एक आदेश पर 10 महीने की नजरबंदी बाद हाफिज को 24 नवंबर को रिहा कर दिया गया था। अमेरिका और भारत का आरोप है कि सईद 2008 के मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था, और उसे इसी साल जनवरी में नजरबंद किया गया था। मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हो गयी थी। मुंबई में 2008 में आतंकी हमले का साजिशकर्ता सईद का नाम संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत आतंकी काली सूची में रखा था।
रिहा होने के बाद सईद ने अपने भाषण में ‘विदेशी आकाओं से निर्देश लेने के लिये’ पाकिस्तानी सरकार को निशाना बनाया था। सईद ने कहा था, ‘शासकों को अमेरिका और अन्य देशों से निर्देश नहीं लेना चाहिये और अपना फैसला खुद करना चाहिये।’ सईद ने कहा था, ‘अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को कश्मीरियों को त्यागने के लिये दंडित किया गया है। शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटाया गया क्योंकि उन्होंने कश्मीरियों के साथ विश्वासघात किया। वह भारत के साथ दोस्ती चाहते थे और कश्मीर मुद्दे की पूरी तरह अनदेखी की। इस प्रकार सईद ने अपने राजनीतिक एजेन्डे को भी साफ कर दिया है। (हिफी)
चीन की भारत को गीदड़ भभकी
चीन ने एक बार फिर गीदड़ भभकी दी है और कहा कि डोकलाम की घटना द्विपक्षीय समझौतों के लिए एक ‘बड़ी परीक्षा’’ थी और भविष्य में इस तरह की किसी स्थिति से बचने के लिए इससे सबक सीखा जाना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जिची के बीच सीमा वार्ता के 20वें दौर की बातचीत 22 दिसम्बर को नई दिल्ली में होगी। दोनों पक्ष वार्ता के इस दौर को महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के 28 अगस्त को खत्म होने के बाद बातचीत का यह पहला दौर होगा। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘विशेष प्रतिनिधियों की यह बैठक न केवल सीमा मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए बल्कि रणनीतिक संवाद के लिए एक मंच भी होगी।’’ उन्होंने कहा कि बैठक में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान होगा। हुआ ने कहा, ‘‘वर्ष 2017 में चीन-भारत संबंध आमतौर पर अच्छे रहे हैं लेकिन डोकलाम की घटना दोनों देशों के लिए एक बड़ी परीक्षा बन गई थी। हमें भविष्य में इस तरह की किसी घटना से बचने के लिए इससे सबक सीखना चाहिए।’’ हुआ ने कहा, ‘‘सीमा क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिए हमें अपने ऐतिहासिक समझौतों का पालन करना चाहिए और इसके साथ ही भारत-चीन संबंधों की रक्षा करनी चाहिए।’’
डोकलाम गतिरोध के वार्ता पर पड़े प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विदेश मंत्री वांग यी की हाल में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान भी उठाया गया था। वांग रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए गये थे। इस बैठक से इतर वांग ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी बातचीत की थी। हुआ ने कहा कि वांग ने सुषमा स्वराज के साथ हुई बैठक में डोकलाम मुद्दे के बारे में बात की थी। सीमा विवाद के मुद्दे को सुलझाने के प्रयास के अलावा भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत के प्रारूप में राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे भी शामिल हैं।
3,488 किलोमीटर लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक है। इसमें से 220 किलोमीटर सीमा सिक्किम में पड़ती है। दोनों पक्ष विवाद को सुलझाने के लिए अब तक विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत के 19 दौर आयोजित कर चुके हैं। डोकलाम गतिरोध 16 जून को तब शुरू हुआ था जब पीएलए की योजना क्षेत्र में एक सड़क बनाने की थी और इस क्षेत्र पर भूटान ने दावा किया था। भारतीय सैनिकों के हस्तक्षेप के बाद इसे रोका गया। भारत और चीन के बीच परस्पर समझौते के बाद 28 अगस्त को यह गतिरोध समाप्त हुआ था। अब चीन इस गतिरोध को फिर से बनाने का जाने-अनजाने प्रयास कर रहा है। उसे 22 दिसम्बर की वार्ता का कम से कम ध्यान रखना चाहिए। (हिफी)