चेन्नई। एजेंसी। सुपरस्टार रजनीकांत ने रविवार को राजनीति में आने का एलान कर दिया है. रजनीकांत किसी पार्टी को ज्वाइंन नहीं करेंगे बल्कि अपनी नई पार्टी बनाएंगे और राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. दक्षिण में रजनीकांत के समर्थकों की तादात अच्छी खासी है. वहां लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. साथ ही उनके एक-एक स्टाइल की कॉपी करते हैं।
रजनीकांत उन लोगों में से हैं जिन्होंने फर्श से उठकर अर्श तक का सफर तय किया है। एक मामूली सा कारपेंटर कभी साउथ का इतना बड़ा सुपरस्टार बन जाएगा ये तो खुद रजनीकांत ने भी कभी नहीं सोचा होगा। रजनीकांत का शुरुआती जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। उन्होंने कुली , बस कंडेक्टर जैसे कई छोटे बड़े काम किए।वैसे तो रजनीकांत को शुरू से ही थिएटर में दिलचस्पी थी लेकिन पैसों के लिए उन्होंने नौकरी शुरू की, लेकिन इस बीच उन्होंने अपने अंदर के कलाकार को कभी मरने नहीं दिया। इसी के चलते उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया और वहां से फिल्मी सफर की शुरुआत हुई।रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 में बैंगलूरु में मराठा हेन्द्रे पाटील परिवार में हुआ रजनीकांत का पुरा नाम शिवाजीराव गायकवाड है पिता रामोजीराव और मां का नाम जिजाबाई गायकवाड है। रजनीकांत ने लता रंगाचारी से 26 फरवरी 1981,शादी की। रजनीकांत की दो बेटियां भी हैं।रजनीकांत तमिल और हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। दक्षिण भारत में भगवान की तरह पूजा जाता है। उन्होंने अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड विजेता फ़िल्म ‘अपूर्व रागङ्गल’ (1975) से की, जिसके निर्देशक के. बालाचन्दर थे, जिन्हें रजनीकान्त अपना गुरु मानते हैं।1998 के लोकसभा चुनाव में रजनीकांत ने बीजेपी का समर्थन किया था, 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले रजनीकांत ने नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. लेकिन उस चुनाव में उन्होंने किसी भी पार्टी को समर्थन देने पर कोई खुलासा नहीं किया था।एआईएडीएएमके प्रमुख जयललिता के निधन और डीएमके प्रमुख करूणानिधि की अधिक उम्र की वजह से तमिलनाडु की राजनीति में रजनीकांत के लिए संभावनाएं काफी हैं, लेकिन उनकी ये नयी राह आसान नहीं है। राजनीति में आने के उनके संकेत के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया. तमिल समर्थक एक संगठन ने उनके खिलाफ प्रदर्शऩ किया। अब रजनीकांत ने खुलेतौर पर राजनीति में आने और अपनी एक अलग पार्टी बनाने का एलान कर दिया है।