एजेंसी।नई दिल्ली:बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति को उच्चतम न्यायालय से दोहरा झटका लगा है।कोर्ट ने गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी पर रोक लगाने या आदेश में बदलाव करने से इनकार किया।उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हमने सिर्फ FIR दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए थे।हमने न तो गिरफ्तारी के आदेश दिए और न ही वारंट जारी किए।अगर निचली अदालत ने गैर जनानती वारंट हासिल किए हैं तो गायत्री प्रजापति कोर्ट में जाकर इसे चुनौती दें।कोर्ट इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं करेगा।कोर्ट ने कहा कि इस मामले में वह ज़मानत या किसी भी तरीके के कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं गायत्री प्रजापति ने आरोप लगाया है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और शिकायतकर्ता महिला आदतन ब्लैकमेलर है।उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने भी गायत्री प्रजापति को अखिलेश सरकार में बनाए रखने पर सवाल उठाए हैं।इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक पत्र भी लिखा है।गायत्री प्रजापति एक रेप केस में आरोपी है और फिलहाल फरार है।उनके विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी है और पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है।गायत्री प्रजापति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
इस बीच पीड़ित परिवार ने पुलिस पर दबाव बनाने और परेशान करने के आरोप लगाए हैं।इसके साथ ही सवाल ये भी हैं कि उप्र के कद्दावर मंत्री गायत्री प्रजापति 27 फरवरी के बाद कहां हैं? इसका उप्र पुलिस के पास कोई जबाब नहीं।कहने को तो उनके खिलाफ शनिवार को गैरजमानती वारंट भी जारी हुआ और लुक आउट नोटिस जारी कर उनके विदेश भागने के रास्ते भी बंद कर दिए गए, लेकिन मंत्री का कुछ पता नहीं।वहीं पीड़ित परिवार ने आरोप लगाए हैं कि उप्र पुलिस उनके परिवार पर दबाव बना रही है और उन्हें परेशान कर रही है।