भारत में 1857 से लेकर 1947 तक का कुल नब्बे वर्ष हमारे इतिहास में दर्ज़ है, “एक संघर्ष की लड़ाई “के नाम।ये “संघर्ष की लड़ाई” थी-ब्रिटिश शासन से आज़ाद कर, लोकतन्त्र की स्थापना करने के लिए। इस संघ... Read more
स्मृति शेष। श्यामजी कृष्ण वर्मा क्रान्तिकारी गतिविधियों के माध्यम से भारत की आजादी के संकल्प को गतिशील करने वाले अध्यवसायी एवं कई क्रान्तिकारियों के प्रेरणास्रोत थे। वे पहले भारतीय थे, जिन्... Read more
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को भारतीय इतिहास में पेशावर कांड के नायक के रूप में याद किया जाता है। 23 अप्रैल 1930 को हवलदार मेजर चन्द्र सिंह गढवाली के नेतृत्व में रॉयल गढवाल राइफल्स के जवानों न... Read more
स्मृति शेष। मातंगिनी हाजरा क्रान्तिकारी थीं। उन्हें ‘गाँधी बुढ़ी’ के नाम से जाना जाता था। मातंगिनी हाजरा का जन्म (19 अक्टूबर 1870) पूर्वी बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) मिदनापुर जिले के होगला ग... Read more
स्मृति शेष।एजेन्सी । भगत सिंह प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्र... Read more
स्मृति शेष। दीवान सुशील पुरी । पारसी परिवार में पैदा हुई भीखाजी कामा ब्रिटिश हुकूमत के जुल्मों को मिटाने के लिए महान क्रांतिकारी बनी। वह एक ऐसी महान क्रांतिकारी थी जो अपनी आभा बिखेर कर आकाश... Read more
यूसुफ़ मेहर अली स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सुधारक थे। यूसुफ़ मेहरअली ने मज़दूर और किसान संगठन को मज़बूत कराने में योगदान दिया तथा इसी कारण स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आठ बार जेल में जाना प... Read more
प्रीतिलता वादेदार स्वतंत्रता संगाम की महान क्रान्तिकारिणी थीं। प्रीतिलता वादेदार का जन्म 5 मई 1911 को तत्कालीन पूर्वी भारत (और अब बांग्लादेश) में स्थित चटगाँव में हुआ था। उनके पिता नगरपालिक... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष मात्र 18 वर्षीय कनकलता बरुआ अन्य बलिदानी वीरांगनाओं से उम्र में छोटी भले ही रही हों, लेकिन त्याग व बलिदान में उनका कद किसी से कम नहीं। गुप्त सभा में 20 सितंबर, 1942 को... Read more
स्मृति शेष। एजेन्सी। मदनलाल ढींगरा स्वतन्त्रता संग्राम के अप्रतिम क्रान्तिकारी थे। वे इंग्लैण्ड में अध्ययन कर रहे थे जहाँ उन्होने विलियम हट कर्जन वायली ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या... Read more