राकेश अचल। दुनिया में कुछ भी महफूज नहीं हैं।न श्रद्धा और न भक्ति। ये दोनों संज्ञा और सर्वनाम दोनों है। श्रद्धा और भक्ति ऐसे मानवीय गुण हैं जो हर मनुष्य के भीतर होते हैं लेकिन ये दोनों ही अमा... Read more
राकेश अचल। दुनिया में कुछ भी महफूज नहीं हैं।न श्रद्धा और न भक्ति। ये दोनों संज्ञा और सर्वनाम दोनों है। श्रद्धा और भक्ति ऐसे मानवीय गुण हैं जो हर मनुष्य के भीतर होते हैं लेकिन ये दोनों ही अमा... Read more
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