कई शंकाओं को निर्मूल साबित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को अपना सबसे अच्छा दोस्त साबित किया। निश्चित रूप से इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया जा सकता है जिन्होंने बराक ओवामा के कार्यकाल से यह दोस्ती मजबूत की थी। बीत रहे वर्ष में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी व्हाइट हाउस के भीतर भारत का सबसे अच्छा दोस्त होने का चुनावी वादा पूरा किया और इसके साथ ही वर्ष 2017 में भारत-अमेरिका संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। भारत इकलौता ऐसा देश है जिसके लिए ट्रंप प्रशासन 100 वर्षीय योजना लेकर आया, यह सम्मान अमेरिका के शीर्ष सहयोगियों को भी प्राप्त नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने एशिया प्रशांत क्षेत्र को हिंद-प्रशांत क्षेत्र नाम दिया। बल्कि चीन की बेचैनी को बढ़ाते हुए पूरे क्षेत्र में नई दिल्ली को और बड़ी भूमिका और स्थान भी दिया। इसके साथ ही अमेरिका ने पहली बार स्पष्ट शब्दों में कहा कि अफगानिस्तान में भारत एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। ट्रंप ने अपनी दक्षिण एशिया नीति में युद्धग्रस्त राष्ट्र में शांति बहाल करने में भारत की भूमिका को अहम बताया। यह भी पहली बार हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने नई दिल्ली के रुख से सहमति जताई कि आतंकवाद पाकिस्तान से पैदा होता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल में अपनी पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की है जिसमें भारत को अग्रणी वैश्विक ताकत बताया है। दक्षिण एवं मध्य एशिया के ब्यूरो के प्रभारी अमेरिकी विदेश उपमंत्री टॉम वाजदा ने बताया, अमेरिका-भारत संबंधों के लिए 2017 एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा।
इस डायरी में श्री ट्रम्प ने कहा, वर्ष 2017 में हमारे द्विपक्षीय संबंध हमारे साझा हितों और लक्ष्यों के साथ इस पर केंद्रित हैं कि दुनियाभर में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हम मिलकर क्या कर सकते हैं खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, आतंकी खतरों से मुकाबले में, अपनी प्रतिरक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने, मुक्त और परस्पर व्यापार को बढ़ावा देने और ऊर्जा संपर्कों को बढ़ाने के लिए। उन्होंने बताया कि जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वॉशिंगटन दौरे के दौरान कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पहले के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत, कहीं अधिक बेहतर हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री जिम मैटिस के नेतृत्व में पूरे प्रशासन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर संप्रभुता का मुद्दा भी उठाया।
पेरू के पूर्व राष्ट्रपति को मिला क्षमादान: पेरू के राष्ट्रपति प्रेडो पाब्लो कुजिंस्की ने पूर्व राष्ट्रपति अल्बटरे फुजिमोरी को मानवीय आधार पर क्षमादान दे दिया। फुजिमोरी 1990-2000 तक देश के राष्ट्रपति पद पर थे। अल्बटरे भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए 25 साल जेल की सजा काट रहे हैं। फुजिमोरी ने 11 दिसंबर को क्षमादान की गुहार लगाई थी। फुजिमोरी की चिकित्सीय जांच के बाद चिकित्सकों ने कहा था कि वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और यदि वह इसी स्थिति में जेल में रहते हैं तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। गौरतलब है कि हाल ही में पेरू की संसद में राष्ट्रपति प्रेडो पाब्लो कुजिंस्की को बर्खास्त करने के लिए विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। विपक्ष प्रेडो के ब्राजील की कंपनी ओडेब्रेट के साथ कथित संबंधों की वजह से उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आया था।सांसदों ने इस पर घंटों बहस की और 13 घंटे से अधिक समय तक चले संसद सत्र के बाद महाभियोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। प्रस्ताव के पक्ष में 79 वोट पड़े थे जबकि कानून के अनुसार प्रस्ताव को पारित करने के लिए सदन के 130 विधायकों में से कम से कम 87 वोटों की जरूरत होती है।
सैलानी ले सकेंगे ल्हासा का नजारा: नये साल में तिब्बत जाने वाले सैलानी हेलीकॉप्टर के जरिए राजधानी ल्हासा का अब ऊपर से नजारा ले सकते हैं। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि शहर की सरकार ने हेलीकॉप्टर के प्रायोगिक संचालन को मंजूरी दी है। यह संचालन ल्हासा की एक कंपनी करेगी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उपमहाप्रबंधक टी पालड्रोन ने बताया कि यात्री सेचोक्लिंग हवाई अड्डे या वीचैट पर यात्रा के लिए बुकिंग करा सकते हैं। कंपनी दो मार्ग पर संचालन करेगी। पहला मार्ग ल्हासा के ऊपर से और दूसरी चार्टर्ड उड़ान नेम को जाएगी। नेम की सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित खारे पानी की झील है और ल्हासा से इस झील तक आने में एक घंटे का समय लगता है। तिब्बत में पिछले साल 2.3 करोड़ से ज्यादा सैलानी आए थे। इनमें अधिकतर सैलानी चीन के विभिन्न प्रांतों से पहुंचे थे।
किम जोंग कर रहे उपग्रह प्रक्षेपण की तैयारी: उत्तर कोरिया एक उपग्रह का प्रक्षेपण करने की तैयारी कर रहा है। पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया अंतरिक्ष कार्यक्रम की आड़ में परमाणु परीक्षण कर रहा है। उत्तर कोरिया पर परमाणु और मिसाइल परीक्षण करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने कई प्रतिबंध लगा रखे हैं और उस पर उपग्रहों सहित बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक का यूज कर कोई भी प्रक्षेपण करने पर रोक लगा रखी है। दक्षिण कोरिया ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से कहा कि विभिन्न माध्यमों से हमें हाल ही में यह पता चला है कि उत्तर कोरिया ने नया उपग्रह तैयार कर लिया है और उसे क्वांगम्योंगसोंग-5 नाम दिया है। उनकी योजना कैमरों और दूरसंचार यंत्रों से लैस उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करना है। उत्तर कोरिया ने फरवरी 2016 में क्वांगम्योंगसोंग-4 उपग्रह का प्रक्षेपण किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने छद्मवेशी बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के तौर पर देखा। दक्षिण कोरियाई सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता ने कहा कि उनका देश उपग्रह प्रक्षेपण की आड़ में लंबी दूरी के मिसाइल परीक्षण समेत उकसावे वाले कृत्यों पर नजर रख रहा है। यह खबरें तब आई हैं जब उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ पार्टी के अखबार ने कहा कि उनके देश को उपग्रह प्रक्षेपित करने और अपनी अंतरिक्ष तकनीक विकसित करने का अधिकार है।
महारानी एलिजाबेथ का क्रिसमस भाषण: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने पारंपरिक क्रिसमस भाषण में इस साल लंदन और मेनचेस्टर में हुए भयावह आतंकवादी हमलों का जिक्र किया। इक्यानवे वर्षीय महारानी का पहले से रिकार्ड किया गया भाषण भारतीय समयानुसार रात साढे आठ बजे प्रसारित किया गया। उन्होंने अपने भाषण में इन दोनों शहरों में हुए हमले में मारे गये लोगों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। उन्होंने लंदन के बकिंघम पैलेस में रिकार्ड किये गये अपने भाषण में कहा कि इस क्रिसमस पर मैं लंदन और मेनचेस्टर के बारे में सोचती हूं जिनकी सशक्त पहचान 12 महीनों में भयावह हमलों के आलोक में चमककर निखरी। मार्च में लंदन में संसद के समीप वेस्टमिंस्टर ब्रिज हमले में 5 लोगों की जान चली गयी थी। मई में महारानी मेनचेस्टर हमले के पीड़ितों से मिलने गयी थीं। इस हमले में 22 लोग मारे गये थे। इस वर्ष के संदेश में महारानी ने अपने 96 वर्षीय पति प्रिंस फिलिप का भी उल्लेख किया जो इस साल राजकीय दायित्वों से सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 2017 पर नजर डालते हुए महारानी ने प्रिंस फिलीप के साथ अपने रिश्ते का भी उल्लेख किया। उनके भाषण में अपने परिवार का महत्व केंद्र में था। उन्होंने कहा कि हम अपने परिवार को गर्मजोशी, मेलजोल और प्यार के स्थान के रूप में सोचते हैं। महारानी प्रिंस फिलीप अपने बच्चों और पोते-पोतियों के साथ अपने सैंड्रिंघम एस्टेट में गिरजाघर की ओर जाते हुए बहुत प्रसन्न नजर आयीं। (हिफी)