संजोग वॉल्टर। हिन्दुस्तान गाजीपुर के ब्यूरो प्रभारी विनोद मिश्रा का गुरुवार की देर रात निधन हो गया। विनोद मिश्रा (48) कैंसर से पीड़ित होकर कानपुर के जेके अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर मिलते ही पत्रकारों, साहित्यकारों और उनके शुभेच्छुओं में शोक की लहर दौड़ गयी। विनोद के परिवार में मां, पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। शुक्रवार की दोपहर कानपुर के भगवत दास घाट पर उनकी अत्येष्टि हुई। मुखाग्नि बड़े भाई विनय मिश्रा ने दी।
कानपुर के घनकुट्टी घंटाघर के मूल निवासी विनोद मिश्रा लंबे समय से हिन्दुस्तान में थे। 2012 में उन्होंने गाजीपुर ब्यूरो का प्रभार संभाला था। कुछ माह पहले कैंसर का पता चलने पर बीएचयू से उन्हें मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल रेफर किया गया था। वहां इलाज के बाद इसी महीने कानपुर के जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था। जहां गुरुवार की देर रात करीब डेढ़ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर लगते ही शोक संवेदनाओं का तांता लग गया। कई स्थानों पर शोक सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कैंसर ने एक और परिवार को तबाह कर दिया है -जाहिर है की हमारे लोग इस मौत से भी कोई सबक नहीं सीखेंगे। पत्रकारों में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। कैंसर ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है।
वैसे तलाक शुदा औरतें सिर्फ मुस्लिम में ही नहीं बल्कि सब धर्म में है। केवल एक वर्ग की महिलाओं से इतना प्रेम ? की उनको आजीवन पेंशन मिले ?
मेरे जैसे लोगों के लिए कोई योजंना है। क्या मुझे भी कोई पेंशन मिल सकती है न जाने कितने पत्रकार भूखे मर रहें हैं उनके लिए कोई योजना है
???? आखिर कब तक बाटो और राज करो की राजनीत #आरएसएस करेगा ? अब मौका भी है दस्तूर भी है। सुना है #NDTV वाले #रवीशकुमार कोई नौकरी की सिरीज़ चला रहे हैं। उनके संस्थान में कितनों की नौकरी गयी है क्या वे बता सकते हैं। अख़बारों से लेकर न्यूज़ चैनल तक कितने ही संविदा कर्मी है जो कभी स्थायी नहीं होते। ठेकेदार हर एक नहीं होता। संजय त्रिपाठी दुनिया से चले गए उनके परिवार के लिए कोई पेंशन योजंना ?मुकुल,राजू तिवारी ,रवि वर्मा, संजीव प्रेमी ,मुन्ने बक्शी ,विनोद त्रिपाठो ,के परिजन किस हाल में हैं ? कोई पेंशन योजंना ?जब प्रबल प्रताप सिंह आज तक में आये थे और उन्होंने ANI को प्रमोट किया था तब से लेकर कितने संविदा कर्मी खेत रहे ? इसके कोई पेंशन योजंना है आरएसएस के पास। रवीशकुमार के पास नौकरी सीरीज़ में।
फोटो भड़ास से।