जयंती पर विशेष । एजेंसी। फ़िल्म इंडस्ट्री में शशि कपूर को कई पुरस्कार मिले। 2011 में भारत सरकार की तरफ से उन्हें पद्मभूषण से भी नवाजा गया था। शशि कपूर ने बचपन से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। 1940 के दशक में उन्होंने कई धार्मिक फिल्मों में काम किया। बाल कलाकार के रूप में उनकी सबसे यादगार फिल्में हैं ‘आग’ (1948) और ‘आवारा’ (1951)। इन दोनों ही फिल्मों में उन्होंने अपने बड़े भाई राजकूपर के बचपन का किरदार निभाया। बतौर हीरो उन्होंने 1961 में यश चोपड़ा की फिल्म ‘धर्मपुत्र’ से बड़े पर्दे पर कदम रखा।
18 मार्च 1938 को पृथ्वी राज कपूर के घर में जन्मे शशि कपूर ने बतौर बाल कलाकार काम शुरू किया था। शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था। 1961 में वह फ़िल्म ‘धर्म पुत्र’ से बतौर हीरो बड़े पर्दे पर आए थे। ‘चोरी मेरा काम’, ‘फांसी’, ‘शंकर दादा’, ‘दीवार’, ‘त्रिशूल’, ‘मुकद्दर’, ‘पाखंडी’, ‘कभी-कभी’ और ‘जब जब फूल खिले’ करीब 116 फिल्मों में अभिनय किया था। जिसमें 61 फिल्मों में शशि कपूर बतौर हीरो पर्दे पर आए और करीब 55 मल्टीस्टारर फिल्मों के हिस्सा बने थे। ‘दीवार’ फिल्म में उनका डायलॉग ‘मेरे पास मां है’ आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। अमिताभ बच्चन के साथ इनकी जोड़ी खूब सराही गई थी।
शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। 2015 में उनको 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था। वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बने थे। वे बॉलीवुड के रोमांटिक स्टार के तौर पर पहचाने जाते थे और बॉलीवुड की हर खूबसूरत और सुपरहिट हीरोइन के साथ बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी हासिल की। उस दौर में उन्हें जेंटल कपूर भी कहा जाता था। अगर देखा जाए तो सही मायनों में बॉलीवुड के वे पहले ग्लोबल स्टार थे। उन्होंने इंग्लिश फिल्मों में बतौर हीरो काम किया था। वे बॉलीवुड के रोमांटिक स्टार के तौर पर पहचाने जाते थे और बॉलीवुड की हर खूबसूरत और सुपरहिट हीरोइन के साथ बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी हासिल की।
शशि कपूर की जोड़ी नंदा के साथ भी खूब जमी है, और दोनों ने ‘जब जब फूल खिले (1965)’ जैसी सुपरहिट फिल्म भी दी. ‘जब जब फूल खिले’ और ’मोहब्बत इसको कहे हैं (1965)’ उनकी पहली सोलो हिट फिल्में थीं। दोनों ही फिल्मों में शशि कपूर की हीरोइन नंदा थीं। उन्होंने उनके साथ पांच सुपरहिट फिल्में दी थीं, जिनमें राजा साब, रूठा न करो, नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे भी शामिल हैं।
उन्होंने सबसे ज्यादा फिल्मों शर्मिला टैगोर और राखी के साथ की थीं। शशि कपूर ने शर्मीला टैगोर के साथ 12 फिल्मों की थीं, जिसमें से 6 फिल्में सुपरहिट रही थीः वक्त (1965), आमने-सामने (1967), सुहाना सफर (1970), आ गले लग जा (1973), पापा और पुण्य (1974), स्वाति (1986) जबकि छह फिल्में फ्लॉप रही थीं।
राखी गुलजार के साथ उन्होंने 10 फिल्में की थीं, और इनमें से पांच फिल्में सुपरहिट रही थीं। जिसमें शर्मीली, जानवर और इनसान, कभी कभी, तृष्णा, बसेरा शामिल हैं।
जीनत अमान के साथ भी उन्होंने 10 फिल्में की और इनमें से छह हिट रही थीं, और चार फ्लॉप। हिट फिल्मों में रोटी कपड़ा और मकान, चोरी मेरा काम, दीवानगी, हीरालाल पन्नालाल, पाखंडी, भवानी जंक्शन के नाम शामिल हैं।
हेमा मालिनी के साथ उन्होंने दस फिल्में कीं अभिनेत्री, आपबीती, त्रिशूल, आंधी तूफान, अपना ख़ून, मान गये उस्ताद जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी हासिल की।
शशि कपूर आखिरी बार 1998 में फिल्म ‘जिन्ना’ में आए थे। यह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना की बायोपिक थी। अभिनेता शशि कपूर का निधन 79 साल की उम्र में 4 दिसंबर 2017 को मुंबई में निधन हो गया। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांसे लीं। एजेन्सी।