स्वपनिल संसार। लखनऊ। अदीब वॉल्टर।
इस मामले में सवाल सामने आ रहे है और वह यह है –
–1. वन विभाग ने ट्रैंक्विलाइज़र का इस्तेमाल क्यों नहीं किया ?
2. जो जाल तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाया गया था वह तीन लेयर का था फिर भी तेंदुआ कैसे निकला ?
3. तीन दिन से तेंदुए ने कई स्थानीय लोगों घायल किया तो कोई कार्यवाही नहीं हुई लेकिन आशियाना इंस्पेक्टर के घायल होते ही तेंदुए की हत्या कर दी गयी।
4. बिना वन विभाग की अनुमति के पुलिस ने गोली कैसे चलायी और जिस स्थानीय युवक ने गोली चलायी क्या उसकी जांच होगी ?
5. क्या वन विभाग की जांच के बाद दोषियों को सजा मिलेगी ?
तीन दिन से भूखे तेंदुए की हुई हत्या।
बीते तीन दिनों से लखनऊ के आशियाना में औरंगाबाद गांव में दहशत फैलाने वाले तेंदुए को मार दिया गया, एक तरफ क्षेत्र के लोगो ने चैन की सांस ली है तो वहीं स्थानीय आशियाना पुलिस के थाना प्रभारी और उनकी टीम को आईजी ने 50000 रुपये के इनाम की घोषणा की। वही इस नाकामी को देख वन विभाग के आला अफसरों में हलचल सी मच गयी।
बीते 15 फरवरी की सुबह औरंगाबाद गांव में एक वयस्क तेंदुए के देखे जाने और एक युवक को घायल करने की खबर ने लोगो में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था, सूचना पर पहुंची पुलिस , वन विभाग के रेंजर और प्राणी उद्यान के डिप्टी डायरेक्टर डॉ०उत्कर्ष शुक्ला मौके पर पहुंचे और मुआयना कर तेंदुए के होने की पुष्टि की थी, वही शनिवार की सुबह आशियाना थाना प्रभारी त्रिलोकी सिंह पर तेंदुए ने हमला किया और उन्हें भूरी तरह घायल भी कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने तेंदुए पर फायर किया जिससे वह घायल होकर पास के घर में किचन में जा छुपा, कुछ देर तक हरकत ना होने पर वन विभाग के अफसरों ने जाकर देखा तो तेंदुआ मृत पाया गया, प्रेस वार्ता के दौरान प्राणी उद्यान निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह और चीफ कंजरवेटर के प्रवीण राव मौजूद रहे, उन्होंने तेंदुए के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया और दोषियों के खिलाफ F.I.R करने की बात कही और साथ ही जांच को पंद्रह दिनों के अंदर खत्म करने के लिए कहा।