पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा0 अखिलेश दास गुप्ता की 57वीं जयंती ‘‘अखिल ज्योत’’ के माध्यम से मनाई गयी ।
लखनऊ । डा0 अखिलेश दास-अलका दास फाउण्डेशन व बीबीडी ग्रुप द्वारा आयेाजित ‘‘अखिल ज्योत’’ का शुभारम्भ स्व0 डा0 अखिलेश दास गुप्ता के 57वें जन्मदिवस पर बीबीडी समह की चेयरपर्सन श्रीमती अलका दास गुप्ता, अध्यक्ष विराज सागर दास, उपाध्यक्ष कु0 सोनाक्षी दास, चीफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर0के0 अग्रवाल, पूर्वा गुप्ता, अंकित जैन व बीबीडी के वाइस चांसलर प्रो0 ए.के. मित्तल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर समूह की चेयरपर्सन श्रीमती अलका दास गुप्ता ने कहा कि मेरे पति स्व0 डा0 अखिलेश दास गुप्ता ने समाज के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गर्मियों में प्याऊ लगवाया तो सर्दियों में अलाव की व्यवस्था की। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस चलवाये तो ब्लड की कमी न हो इसके लिए बहुत सारे ब्लड डोनेशन कैम्प भी आयोजित करवाये। मलिन बस्तियों में स्वयं जाकर उनके उत्थान के लिए हमेशा खड़े रहने वाले डा0 अखिलेश दास गुप्ता के कार्यों को हमें आगे बढ़ाना है। समूह के अध्यक्ष विराज सागर दास ने कहा कि पिछला एक साल बहुत मुश्किलों भरा रहा। मैं सोचता रहा कि पिताजी के जाने के बाद मैं इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे निभाऊंगा परन्तु बीबीडी परिवार के सहयोग व लखनऊवासियों के सहयोग, स्नेह व प्यार से मैं जिम्मेदारी का निर्वहन कर पा रहा हूं। कठिनाइयां जीवन में आती-जाती रहती हैं। मुझे उम्मीद है कि पिताजी के जाने के बाद इसी तरीके का आप सबका स्नेह व प्यार मिलता रहेगा। चाहे वो खेल जगत हो या शिक्षा का क्षेत्र हो, मैं समाज के हर वर्ग के लिए कार्य करता रहूंगा।
श्री सागर ने कहा कि ग्रुप को बनाने के लिए जिस मेहनत और ईमानदारी से आप सभी पिछले बीस वर्ष खड़े रहे वैसे ही अब मेरे साथ बीस साल तक चलिये तो हम ‘‘बीबीडी समूह’’ को भारत का एक महान समूह बना देंगे। हमने विपरीत परिस्थितियों में पूज्य पिताजी डा0 अखिलेश दास गुप्ता की विरासत को सम्भाला है, उनके सपनों को साकार करना हमारा धर्म ही नहीं वरन कर्म भी है। अध्यक्ष विराज सागर दास ने कहा कि मेरे पिता को शहर के लेाग बहुत चाहते थे। उनको लोगों ने बहुत सहयोग भी दिया। उन्होने जो कार्य शुरू किये या उनेक मन में जो भी आशंकाएं थीं शहर को लेकर, प्रदेश को लेकर, उन्होने जो सपने बुने थे उन सपनों को साकार करने के लिए हम और हमारा पूरा गु्रप पूर्ण प्रयास करेगा। अब पूज्य पिताजी स्व0 डा0 अखिलेश दास गुप्ता एवं बाबा स्व0 बाबू बनारसी दास का मिशन हमारा मिशन है। विराज सागर दास ने अपने पिताजी के उन ऐतिहासिक पलों की यादें ताजा करते हुए कहा कि मेरे पिता केा विरासत में मिली राजनीति, खेल का शौक, शिक्षा के प्रति जबर्दस्त जज्बा ही बीबीडी समूह की नींव का कारण बना। 1993 में वे लखनऊ के सबसे युवा मेयर बने उनके कार्यकाल को लखनऊ के विकास का कार्यकाल कहा जाता है।
26 नवम्बर 1996 से 25 नवम्बर 2014 तक लगातार राज्यसभा के सदस्य रहे। इसके बाद 2006 में भारत सरकार के इस्पात मंत्री बने। राष्ट्रीय राजनीति में इस योगदान के अलावा उनका सपना भारत को बैडमिन्टन खेल में महाशक्ति बनाना था और इसके लिए उन्होने भारतीय बैडमिन्टन संघ के अध्यक्ष के रूप में बैडमिन्टन के विकास के लिए अथक प्रयत्न किये। वे स्वयं भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के बैडमिन्टन खिलाड़ी थे।
श्री सागर ने कहा कि मेरे पिताजी ने शिक्षा के विकास व अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए बीबीडी की नींव रखी। कहा जाता था कि उस दौरान संस्थानों को खोलना एक घाटे का सौदा होता था परन्तु शिक्षा के विकास के लिए मेरे पिताजी ने हार नहीं मानी।
उन्होने कहा कि मेरे पिताजी द्वारा जो अधूरे कार्य छोड़े गये हें, चाहे वे शिक्षा के विकास के सम्बन्ध में हों या फिर खेल के विकास के सम्बन्ध में हों, समाज के गरीबों, वंचितों के लिए हर समय मैं मदद के लिए तैयार रहूंगा। यही मेरे पिताजी का सदैव लक्ष्य रहा है। उनके सारे सपने हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूरा करेंगे। उन्होने कहा कि इसके अलावा आसपास की स्वच्छता के साथ-साथ मानसिक स्वच्छता की भी आवश्यकता है। इस सन्देश को आज पूज्य पिताजी डा0 अखिलेश दास गुप्ता जी की 57वीं जयन्ती पर बाबू बनारसी दास सामुदायिक केन्द्र पुराना किला लखनऊ में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से देने का प्रयास किया गया है।
जयन्ती के अवसर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के तहत बीबीडी गु्रप की चेयरपर्सन श्रीमती अलका दास गुप्ता, अध्यक्ष विराज सागर दास व उपाध्यक्ष कु0 सोनाक्षी दास के कर कमलों से निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन भी किया गया। इसमें दांतों, आंखों व ब्लड शुगर की जांच के साथ ही साथ अन्य स्वास्थ्य परीक्षण भी हुए। इसके साथ ही भारी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया।
इस अवसर पर वृक्षारोपण एवं भण्डारे के कई आयेाजन किये गये जिसमें भारी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। अनाथालयों एवं वृद्धाश्रमों में फल वितरण किया गया। साथ ही राजधानी लखनऊ के आस-पास के गांवों में भी उपरोक्त कार्यक्रमों के आयोजन किये गये।