पुण्य तिथि पर विशेष- आइजैक न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को हुआ था.इनके माँ का नाम हनाह न्यूटन था। इनके जन्म से पहले ही इनके पिता की मृत्यु हो गयी थी, तब इनके माँ ने पादरी के साथ दूसरा विवाह कर लिया और न्यूटन की देख-रेख इनकी दादी करने लगी न्यूटन इतने कमजोर पैदा हुये थे कि इनके बचने कि कोई आशा नही थी.जब न्यूटन 12 साल के हुये तब उनका स्कूल मे दाखिला कराया गया था लेकिन उनका पढ़ने मे मन ही नही लगता था वो बहुत हीन भावना महसूस करते थे क्योकि वो पढ़ने – लिखने मे कमजोर थे। न्यूटन के सौतेले पिता कि भी मृत्यु हो गयी तो उनकी माँ वापस बुल्सथोर्प रहने चली आयी और खेती करने लगी न्यूटन भी खेती मे हाथ बटाने लगे लेकिन खेती करने मे उनकी कोई रुची नही थी. उनके चाचा जो कैम्ब्रिज के एक कॉलेज के सदस्य थे, न्यूटन को फिर से स्कूल भेजा, अब न्यूटन ने अपनी हीन भावना पर काबू पा लिया था, व काफी उत्साह से भरे थे । 19 साल के उम्र मे न्यूटन ने स्कूली शिक्षा पूरी कर ली. बहुत कम उम्र मे ही उन्होने द्विपद प्रमेय की खोज की थी। न्यूटन ने ही गति के सिद्धांत और गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की थी। न्यूटन महान भौतिकशास्त्री होने के साथ-साथ एक महान ज्योतिष, दार्शनिक और गणितज्ञ भी थे। 1687 में उनकी ‘फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका’ पुस्तक प्रकाशित हुई थी, जिसे विज्ञान के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण व प्रभावशाली पुस्तक का दर्जा दिया गया था।
ये कहा जाता है कि न्यूटन ने आजीवन विवाह नहीं किया था। न्यूटन, जिनके कोई बच्चे नहीं थे, उनके अंतिम वर्षों में उनके रिश्तदारों ने उनकी अधिकांश संपत्ति पर अधिकार कर लिया और निर्वसीयत ही उनकी मृत्यु हो गई। न्यूटन अपने वैज्ञानिक कामों में इतने रम चुके थे की उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर में भारी मात्रा में पारा पाया जाना, जो शायद उनके रासायनिक व्यवसाय का परिणाम था। पारे की विषाक्तता न्यूटन के अंतिम जीवन में उनके सनकीपन को स्पष्ट करती है। फ्रेंच गणितज्ञ जोसेफ लुईस लाग्रेंज अक्सर कहते थे कि न्यूटन महानतम प्रतिभाशाली था और एक बार उन्होंने कहा कि वह “सबसे ज्यादा भाग्यशाली भी था क्योंकि हम दुनिया की प्रणाली को एक से ज्यादा बार स्थापित नहीं कर सकते.” अंग्रेजी कवि अलेक्जेंडर पोप ने न्यूटन की उपलब्धियों के द्वारा प्रभावित होकर प्रसिद्ध स्मृति-लेख लिखा: Nature and nature’s laws lay hid in night;God said “Let Newton be” and all was light. न्यूटन ने पूरे विश्व के सामने ये उदाहरण पेश की कि किस प्रकार मन में किसी कार्य को पूरा करने की जिद्द इंसान को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक क्रिया के विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है. गति का पहला नियम – किसी भी चीज में तब तक कोई बदलाव नहीं आता और वो तब तक नहीं हिलती, जब तक कि उस पर कोई बाहरी दबाव ना पड़े. इसे जड़त्व का नियम कहते हैं.पहली बार द्रव्यमान और भार के बीच अंतर भी न्यूटन ने ही बताया था.दुनिया जिन्हें वायरलेस रेडियो के आविष्कारक के तौर पर जानती है…न्यूटन ने ही दुनिया को इस बात से अवगत कराया कि सफेद प्रकाश, वास्तव में कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है। 31 मार्च 1727 को लन्दन शहर में न्यूटन की सोते समय मृत्यु हो गयी थी। उन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था। जब उनका निधन हुआ था उस वक्त वो 84 वर्ष के थे। एजेन्सी।