’स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के अन्तर्गत टेक्निकल हाई स्कूल लखनऊ में आयोजित स्वच्छता अभियान एवं वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने मुख्य अतिथि के रूप में किया सहभाग- स्वच्छ जल और शुद्ध हवा ही वैश्विक शान्ति के स्रोत
नो वाॅटर नो पीस मोर वााॅटर मोर पीस-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुभारम्भ की गयी ’स्वच्छता ही सेवा’ मुहिम को देशव्यापी बनाने तथा देश के हर युवा को जोड़ने हेतु परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने परमार्थ निकेतन से इसकी शुरूआत की। स्वामी जी महाराज की प्र्रेणा एवं पावन सान्निध्य में टेक्निकल हाई स्कूल लखनऊ में स्वच्छता अभियान और वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन, टेक्निकल हाई स्कूल, हरिजन सेवक संघ, के बच्चे और अध्यापक तथा एन जी ओ द्वारा आयोजन किया गया।
पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता से प्रेरित स्वामी जी महाराज का उ्द्बोधन एवं मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु इस कार्यक्रम के हजारों की संख्या में प्रबुद्ध नागरिकों, स्कूली छात्र-छात्राओं, अध्यापकों एवं जन समुदाय ने सहभाग किया। यह कार्यक्रम विजय नगर कालोनी के सक्रिय सदस्य गणेश टामराकर के कुशल नेतृत्व में आयोजित किया गया।
विश्व शान्ति दिवस के अवसर पर उद्बोधन देेते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि नो वाॅटर नो पीस, मोर वाॅटर मोर पीस, जल होगा तो शान्ति होगी जल न होगा तो युद्ध होगा इसलिये जन जागरण जल जागरण बने। उन्होने कहा यह जल जागरण सबसे बड़ी शान्ति अभियान की भूमिका निभायेगा।
स्वामी जी महाराज ने स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा हर दिल हर दिल के साथ मनाने और हर दिल को प्रेरित करने का आगाज किया यह लखनऊ स्वच्छता अभियान उसी की शुरूआत है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत बनाने के संकल्प को हर भारतीय का संकल्प तथा वर्तमान समय की जरूरत बताते हुये कहा, ’’सृष्टि का विकास स्वयं ही होता है परन्तु वह प्रदूषित मानवीय गतिविधियों के कारण हुयी है। प्रकृति और प्राणियों का सीधा सम्बंध है अतः हमें बेहतर जीवनप्रणाली के लिये प्रकृति की शरण में जाना और प्रकृतिमय जीवन जीना होगा; प्राकृतिक जीवन एवं प्राकृतिक चिंतन पद्धति को अपनाना होगा। जीवन में परिवर्तन, व्यक्ति के विचारों में परिवर्तन से होता है। स्वच्छता ही सेवा मुहिम के माध्यम से मानव दृष्टिकोण एवं विचारधारा में परिवर्तन कर कार्य-पद्धति में बदलाव ला सकते है जिससे समाज और संसार में युगान्तकारी बदलाव लाया जा सकता है। आज भी दुनिया में अनेक ऐसे अभावग्रस्त परिवार है जिसने पास मौलिक सुविधाओं भी नहीं है। वे स्वच्छ जल, शौचालय एवं स्वच्छता के अभाव में जीवन यापन कर रहे है। हमारा कर्तव्य बनता है कि उन भाई-बहनों के बेहतर जीवन के लिये हम एकजूट होकर प्रयत्न करे और उन्हें भी समाज की मुख्य धारा से जोडे़। आईये हम सब मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करें जहाँ स्वच्छता हो, स्वच्छ जल व शुद्ध वायु हो, हर घर में शौचालय हो एवं उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधायें हो। आज हम संकल्प ले स्वच्छ, हरित एवं समुन्नत राष्ट्र के निर्माण का। उन्होेने कहा कि आप सभी श्रेष्ठ, प्रतिभासम्पन्न दिव्य आत्मायें है, आईये मिलकर स्वच्छता का दीप हर भारतवासी के दिल में जलायें।’’
स्वामी जी महाराज ने आज विश्व शान्ति दिवस पर सभी को जल का महत्व समझाते हुये गंगा की तरह गोमती नदी को भी अविरल बनाने की प्रेरणा दी। स्वच्छता अभियान के समापन अवसर पर स्वामी जी महाराज ने कहा कि हरिजन सेवक संघ के बच्चों के साथ स्वच्छता अभियान, नाली सफाई एवं वृक्षारोपण करके अपार सुख मिला। माला से जो सुख मिलता है उससे ज्यादा सुख नालियों को साफ करके मुझे मिला। उन्होने कहा प्लास्टिक हमारी नालियों को चोक कर देता है, प्लास्टिक से भरी हुयी नालियां अपने लिये कलंक है। स्वच्छ भारत हमारा अभियान के लिये हम सभी को जुड़ना होगा यह बहुत जरूरी है। स्वच्छता कार्यक्रम के पश्चात स्वामी जी महाराज ने दिव्यांग बच्चों को स्वच्छता का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा दिया।
स्वामी जी महाराज ने टेक्निकल स्कूल लखनऊ में हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को अपन परिवेश को स्वच्छ रखने, नदियों एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया सभी ने हाथ खड़े कर संकल्प किया। इस अवसर पर पर गंगा एक्शन परिवार परमार्थ निकेतन की सक्रिय सदस्य सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी एवं आर्गेनिक इण्डिया के दिनेश कुमार अन्य प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।