रंजीत के प्यार में पड़ गई थीं सिंपल कपाडिय़ा
बॉलीवुड फिल्में अक्सर विलेन के बिना अधूरी रहती है। बॉलीवुड में कुछ समय पहले अमरीश पुरी और प्राण ने विलेन की भूमिका को अलग ही मुकाम में पहुंचा दिया।
बॉलीवुड में खलनायकों की भूमिका शुरुआत से ही बहुत खास रही है। 1970 के दशक में रणजीत से एक्ट्रेस काफी डरती थीं। उनका नाम पूरा नाम है गोपाल बेदी । उन्होंने फिल्मों के लिए अपना नाम रंजीत रख लिया था। उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘सावन भादो फिल्म से की थी इस फिल्म में उन्होंने रेखा के भाई का किरदार निभाया था।
इस विलेन से बॉलीवुड की सभी एक्ट्रेस डरती थीं लेकिन सिंपल कपाडिय़ा ऐसी भी थी जो रंजीत की हर अदा की दीवानी थी और उनको दिल दे बैठी थीं। वो थीं डिंपल कपाडिय़ा की बहन सिंपल कपाडिय़ा। ये बात राजेश खन्ना को रास नही आई और राजेश खन्ना और रंजीत के बीच लड़ाई भी हुई थी। फिल्म छैला बाबू ( 1977) की शूटिंग के समय सिंपल कपाडिया के कारण उनके जीजा और रंजीत के बीच काफी लड़ार्ई हो गई थी। इस झगड़े के बाद से ही सिंपल और रंजीत एक दूसरे से अलग हो गए। 2006 के बाद सिंपल को कैंसर का पता चला बावजूद इसके वे काम करती रही। 10 नवंबर, 2009 को मुंबई के अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। उस वक्त सिंपल 51 साल की थीं।रंजीत ने 500 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। सिंपल ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन वो इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान नहीं बना पाई। सिंपल ने अपने 10 साल के फिल्मी करियर में ‘एहसास’ (1979), ‘मन पसंद’ (1980), ‘लूटमार’ (1980), ‘जमाने को दिखाना है’ (1981), ‘दुल्हा बिकता है’ (1982), ‘जीवन धारा’ (1982), ‘तुम्हारे बिना’ (1982), ‘हम रहे ना हम’ (1984), ‘प्यार के दो पल’ (1986) फिल्मों में काम किया। हालांकि उन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिली। फिल्मजगत में ऑनस्क्रीन पर 350 से भी अधिक रेप सीन करने का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है।