एजेंसी। जेम्स वॉट 18वी सदी के महान अविष्कारक और मैकेनिकल इंजीनियर थे । उन्होंने पूर्व में बने भाप के इंजनों को सुधरा हुआ रूप प्रदान किया । 1698 में Thomas न्यूकोमन ने पहला आदिम इंजन बनाया। Thomas न्यूकोमन ने 1712 मे भाप से चलनेवाला अन्य आदिम इंजन बनाया और इसे खदानों में भरे पानी को निकालने में इस्तेमाल किया। जेम्स वॉट ने इन दोनों प्रकार के भाप के इंजनों के सुधरे रूप को प्रस्तुत किया।
जेम्स वॉट का जन्म 19 जनवरी 1736 को ग्रनाक स्कॉटलैंड में हुआ था। उनके पिता का नाम जेस था और वे जहाज निर्माता थे । जेम्स वॉट ने स्थानीय स्कूल में व्याकरण, गणित और साहित्य में अध्ययन किया । पढाई से ज्यादा उनकी रूचि मॉडल बनाने में थी। 19 साल की उम्र में उन्हें गणित के उपकरण जैसे चांदे , कम्पास इत्यादि का निर्माण सीखने के लिए लन्दन भेज दिया गया । 1957 में वाट ने ग्लासगो में अपने उपकरण निर्माण का व्यवसाय आरम्भ कर दिया । अपनी प्रतिभा के बल पर जल्द ही उन्हें नहर बनाने ,बन्दरगाहो में सुधार करने और नदियों को गहरा करने के कार्य मिल गये ।
1763 में जेम्स वॉट के यहाँ न्यूकॉमन स्टीम इंजन ठीक होने आया । इसमें सिलेण्डर से भाप जाती थी और वापस आकर पानी में बैठ जाती थी । जेम्स वॉट ने माथापच्ची की और इस नतीजे पर पहुचे कि अगर भाप को इकट्ठा करने के लिए दूसरा चैम्बर लगा दिया जाए तो वह इंजन ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है | वे अपनी सोच पर कार्य करते रहे। 1769 में बड़े व्यापारी जॉन राइब्युक की वित्तीय मदद से वे अपनी सोच के अनुसार भाप इंजन तैयार करने लगे और धीरे धीरे वे लोकप्रिय हो गये |
राइब्युक के हाथ खीच लेने पर वे बर्घिगम के बड़े व्यवसायी मैथ्यू बाउलटन के साथ कार्य करने लगे। उनके इंजन कोयला खदान मालिक खरीदते थे और उनसे खदान में भरा पानी बाहर निकाला जाता था ।जेम्स वॉट ने ये इंजन न्यूकोमन के इंजन से चार गुना ज्यादा शक्तिशाली थे । वाट लगातार प्रयोग करते रहे । 1781 में वे उन्होंने रोटरी मशीन स्टीम इंजन बाजार में उतारा। यह न केवल खदानों से पानी निकाल सकता था अन्य कई प्रकार की मशीने भी चला सकता था।
1783 में कई कपड़ा मिले, जेम्स वॉट के इन इंजनों से चलने लगी । 1800 तक जेम्स वॉट के 500 से ज्यादा इंजन ब्रिटेन की खदानों और फैक्ट्रीयो में तेज उत्पादन करने लगे। जेम्स वॉट मालामाल हो गये । 1755 में ही संसद से जेम्स वॉट ने पेटेंट प्राप्त कर लिया था कि अगले 25 वर्षो तक कोई भी उनके इंजन की नकल न कर सके । इसलिए भाप के इंजनों पर पुरी तरह “वाल्टन एवं वॉट” कम्पनी का एकाधिकार था। वे इंजन के दाम के साथ साथ 25 साल तक प्रत्येक फैक्ट्री से उसकी बचत का एक-तिहाई अधिकार शुल्क के रूप में वसूलते थे। जेम्स वॉट ने ही इंजन की शकित को हॉर्स पॉवर नाम दिया था।
जेम्स वॉट ने 1781 में जो रोटरी-मोशन इंजन बनाया, 1790 तक उसमे कई सुधार करके उसे प्रेशर गेज इंजन बना दिया जो अपने पूर्व के मॉडलों में सबसे बेहतरीन था। इससे ब्रिटेन में औधोगिक क्रान्ति को पंख दिए गये । 1800 में व्यवसाय का कार्य-भार उन्होंने अपने दोनों पुत्रो पर डाल दिया और स्वयं इंजनों के ओर सुधार पर काम करते रहे। 25 अगस्त 1819 को बर्घिनकम में उनका निधन हो गया। जेम्स वॉट रॉयल सोसाइटी के सदस्य भी रहे । उनके सम्मान में विद्युत शक्ति की इकाई का नाम जेम्स वॉट रखा गया।