24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन पोलियो वैक्सीन का अविष्कार करने वाले जोनास सॉक का जन्म इसी महीने में हुआ था। 1988 में 125 देशों में पोलियो ग्रस्त लोग थे। जब तक एक भी बच्चा पोलियो से ग्रस्त है, दुनिया भर में इस बीमारी के फैलने का खतरा बरकरार है। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन इन देशों से पोलियो को नहीं मिटा पाया, तो दस वर्ष के भीतर हर वर्ष पोलियो के दो लाख नए मामले सामने आ सकते हैं।
24 अक्टूबर विश्व पोलियो दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिवस का ध्येय है पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों में जागरूकता फैलाना। पोलियो संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को प्रभावित कर देती हैं और यह बीमारी बच्चों में अधिक होती है। भारत में पोलियो का शुरूआती दौर में बहुत अधिक प्रभाव था परन्तु भारत सरकार द्वारा चलाये गये कई पोलियो मुक्त अभियानों के कारण पोलियो छुटकारा मिला। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2012 में भारत को पोलियो से ग्रस्त देशों की सूची से हटा दिया था। और 2014 में भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था।
पोलियो का खतरा
• दूषित पानी का सेवन से पोलियो का खतरा होता है।
• गंदे पानी में तैरने से भी पोलियो वायरस का संक्रमण हो सकता है।
• युवाओं की तुलना में बच्चों में इस बीमारी के फैलने की संभावना अधिक होती है।
पोलियो की रोकथाम
• बच्चे को पोलियो ड्राप पिलाना ना भूलें
• अपने आसपास सफाई रखें
• पौष्टिक आहार लें
पोलियो के लक्षण:
मरीज की स्थिति वायरस की तीव्रता पर निर्भर करती है। अधिकतर स्थितियों में पोलियो के लक्षण फ्लू जैसी ही होते हैं। लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं:• पेट दर्द• उल्टियां आना • गले में दर्द• सिरदर्द• जटिल स्थितियों में हृदय की मांस पेशियों में सूजन भी आ सकती हैं
पोलियो व्यक्ति के संपूर्ण जीवन को प्रभावित करती है, इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें और बच्चों का समय पर टीकाकरण ज़रूर करायें।एजेन्सी।