मुबारक़ साल गिरह -शबाना आज़मी हिंदी सिनेमा की ऐसी मंझी हुई अदाकारा हैं जो हर अभिनय के अनुरूप उसी साँचे ढल जातीं हैं। उन्होंने हिंदी फिल्मों में तरह तरह के रोल अदा किये हैं। वह आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं। अभिनेत्री होने के साथ-साथ शबाना आज़मी सामाजिक कार्यों में भी समान रूप से जुडी रहतीं हैं। शबाना आज़मी का जन्म 18 सितंबर 1950 को बम्बई में हुआ था।
शबाना आज़मी के पिता कैफ़ी आज़मी मशहूर शायर थे। उनकी माँ का नाम शौकत आज़मी था, जोकि इंडियन थिएटर की आर्टिस्ट थीं। मां से विरासत में मिली अभिनय-प्रतिभा को सकारात्मक मोड़ देकर शबाना आज़मी ने हिन्दी फिल्मों में अपने सफर की शुरूआत की।
शबाना आज़मी ने पढ़ाई क़्वीन मैरी स्कूल बम्बई से की है। उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक किया है। उन्होंने स्नातक की डिग्री मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ली है। शबाना आज़मी ने एक्टिंग का कोर्स फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिटीयूट ऑफ इंडिया, पुणे से किया है।
शबाना आज़मी की शादी हिंदी सिनेमा के मशहूर संगीतकार जावेद अख्तर से हुई है। जावेद अख्तर पहले से शादी-शुदा थे, लेकिन शबाना आज़मी के प्यार में उन्होंने अपनी पहली पत्नी हनी ईरानी को तलाक देकर अभिनेत्री शबाना से निकाह कर लिया,और उनकी यह जोड़ी आज भी लोग के लिए मिसाल है।
शबाना आज़मी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1973 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से की थी। इस फिल्म की सफलता ने शबाना आज़मी को बॉलिवुड में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अपनी पहली ही फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुआ।
फिल्म अकुंर के बाद 1983 से 1985 तक लगातार तीन सालों तक उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. अर्थ, खंडहर और पार जैसी फिल्मों के लिए उनके अभिनय को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।
उस दौर में शबाना आज़मी ने खुद को ग्लैमरस अभिनेत्रियों की भीड़ से स्वयं को अलग साबित किया। अर्थ, निशांत, अंकुर, स्पर्श, मंडी, मासूम, पेस्टॅन जी में शबाना आज़मी ने अपने अभिनय की अमिट छाप दर्शकों पर छोड़ी। अमर अकबर एंथोनी, परवरिश, मैं आजाद हूं जैसी व्यावसायिक फिल्मों में अपने अभिनय के रंग भरकर शबाना आज़मी ने सुधी दर्शकों के साथ-साथ आम दर्शकों के बीच भी अपनी पहुंच बनाए रखी।
प्रयोगात्मक सिनेमा के भरण-पोषण में उनका योगदान उल्लेखनीय है। फायर विवादास्पद फिल्म में शबाना ने बेधड़क होकर अपनी अभिनय प्रतिभा का प्रमाण दिया वहीं, बाल फिल्म मकड़ी में वे चुड़ैल की भूमिका निभाती हुई नजर आई। यदि मासूम में मातृत्व की कोमल भावनाओं को जीवंत किया तो वहीं, गॉड मदर में प्रभावशाली महिला डॉन की भूमिका भी निभाकर लोगो को हैरत मे डाल दिया। भारतीय सिनेमा जगत की सक्षम अभिनेत्रियों की सूची में शबाना आज़मी का नाम सबसे ऊपर आता है।एजेन्सी।