अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को पूरी दुनिया आमतौर पर टेलीफोन के आविष्कारक के रूप में ही ज्यादा जानती है। बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि ग्राहम बेल ने न केवल टेलीफोन, बल्कि कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई और भी उपयोगी आविष्कार किए हैं।ऑप्टिकल-फाइबर सिस्टम, फोटोफोन, बेल और डेसिबॅल यूनिट, मेटल-डिटेक्टर आदि के आविष्कार का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। ये सभी ऐसी तकनीक पर आधारित हैं, जिसके बिना संचार-क्रंति की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।ग्राहम बेल की विलक्षण प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे महज तेरह वर्ष के उम्र में ही ग्रेजुएट हो गए थे। यह भी बेहद आश्चर्य की बात है कि वे केवल सोलह साल की उम्र में एक बेहतरीन म्यूजिक टीचर के रूप में मशहूर हो गए थे।
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का जन्म स्कॉटलैण्ड के एडिनबर्ग में 3 मार्च 1847 को हुआ था। अलेक्जेंडर ग्राहम बेल की पत्नी माबेल गारडीनर सुन नहीं सकती थीं। ग्राहम बेल और उन्हें आपसी संवाद करने में बहुत दिक्कत होती थी। कुछ समय बाद ग्राहम बेल और माबेल एक-दूसरे के साथ संकेतों में बात करने लगे। एक दिन वह माबेल के साथ संकेतों से बात कर रहे थे, तभी उनका ध्यान माबेल के कानों की तरफ गया। वह उनके कानों को ध्यान से देख रहे थे। यह देखकर माबेल संकेत से कान की ओर इशारा करके बोलीं, ‘कान में क्या देख रहे हो?’
ग्राहम बेल ने संकेत में माबेल को बताया, ‘सोच रहा हूं कि क्या कोई ऐसी मशीन बन सकती है जो सुनने में मदद कर सके? यदि सुनने वाली मशीन बन गई तो फिर मैं और तुम आराम से बातें कर पाएंगे।’ यह सुनकर माबेल मुस्कराने लगीं। ग्राहम बेल अपने आविष्कार में लग गए। उन्हें एक ही धुन सवार थी कि किसी तरह सुनने की मशीन का आविष्कार करना है। वह दिन-रात प्रयोग करते रहते। इस दौरान कई बार तो खाना भी खाना भूल जाते। यहां तक कि उन्हें दिन और तारीख का भी ध्यान नहीं रहता।
आखिर कई दिनों की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने एक आविष्कार कर ही लिया। जब वह आविष्कार लोगों के सामने आया तो वह सुनने की मशीन नहीं थी, वह आविष्कार था टेलिफोन। माबेल को ज्ञात हुआ कि ग्राहम बेल सुनने की मशीन बनाने में कामयाब नहीं हो पाए लेकिन उन्होंने टेलिफोन बनाने का सिद्धांत अवश्य ढूंढ निकाला। यह जानकर वह ग्राहम बेल को सांत्वना देते हुए संकतों में माबेल बोलीं, ‘जिस तरह आपने टेलिफोन का आविष्कार कर दिया है, उसी तरह एक दिन सुनने की मशीन का आविष्कार भी अवश्य हो जाएगा।’ माबेल की बात सत्य सिद्ध हुई। आज सुनने की मशीन का आविष्कार हो चुका है और अनेक बधिर व्यक्ति उसका लाभ भी उठा रहे हैं।
1. गेहूं से भूसी अलग करने का यंत्र:
बेल का ये आविष्कार नेल ब्रश से बना था जो एक घूमते पहिए में लगे होते हैं. जिससे गेहूं में से भूसा निकला जाता था.
2. फोटोफोन का अविष्कार किया.
फोटोफोन, रोशनी की किरण के जरिए आवाज ट्रांसमिट के सिद्धांत पर आधारित है. इसका इस्तेमाल शीशों से आवाज को बाउंस करने के लिए किया जाता था बेल ने 3 जून 1880 को इसका अविष्कार किया. सिर्फ ये इंसान ही ऐसा कुछ सोच सकता है! बेल ने कहा कि ये उनके सबसे अहम आविष्कारों में से एक था, और वो सही थे ये वही टेक्नोलाॅजी है जो आज माॅडर्न कंप्यूटर्स को डिजिटल वाॅइस और डेटा को ग्लास फाइबर के जरिए भेजने में मदद करती है
3. मेटल डिटेक्टर का आविष्कार:
मेटल डिटेक्टर कहानी आगे जाती है एक इमरजेंसी के दौरान बेल ने एक अस्थायी मेटल डिटेक्टर का आविष्कार किया. उन्हें तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जेम्स गारफील्ड के शरीर के अंदर, एक बुलेट खोजने के लिए कहा गया. हालांकि, बेल के डिटेक्टर ने उस समय मदद नहीं की, लेकिन लोगों का ध्यान बहुत खींचा. आज के सुरक्षाकर्मियों के लिए ये लकी साबित हुआ. जो अपने रोजमर्रा के काम के लिए मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल करते हैं.
4. हाइड्रोफाॅइल नाव का आविष्कार:
बेल इटेलियन आविष्कारक एनरिको फोरलानिनी के हाइड्रोफाॅइल डिजाइन से काफी प्रभावित थे. इतने कि उन्होंने इससे एक नाव बनाने का फैसला किया! आज, हाइड्रोफाॅइल एक नाव है जिसमें पतवार फिट होती है. फाॅइल जो नीचे होता है. वो पानी में नाव को नीचे से उठाता है. जो ज्यादा स्पीड हासिल करने में मदद करता है. 1919 में पहली हाइड्रोफाॅइल नाव बनी. 114 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली इस नाव को एचडी-4 या हाइड्रोडोम कहा गया. आज, कंप्यूटर सेवाओं की ही तरह कई नाव, फिशरी पैट्रोलिंग, फायर फाइटर्स, बंदरगाह के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.
5. माॅडर्न ऑडियोलॉजी इंडस्ट्री के लिए ऑडियोमीटर
ऑडियोमीटर किसी के सुनने की क्षमता का सटीक आंकलन करने वाला उपकरण है. किसी खास वाॅल्यूम लेवल पर इससे कई तरह की फ्रीक्वेंसी निकलती है. ताकि ये सटीक बता सके कि आवाज कितनी आसानी से सुनी जा रही है. कार्ल ई शीशोर पहले व्यक्ति थे. जिन्होंने ऑडियोमीटर का माॅडर्न वर्जन तैयार किया. लेकिन बेल को इसके आविष्कार का श्रेय दिया जाता है.
2 अगस्त 1922 को 75 साल की उम्र में , नोवा स्कॉटिया में डायबिटीज की वजह से उनकी मृत्यु हुई थी। बेल एनीमिया से भी ग्रसित थे। उनकी मृत्यु की खबर सुनकर समस्त अमरीका में उनकी स्मृति में एक मिनट तक टेलीफोन बंद रखा गया था।